जल ही है जीवन का संबल

जल ही है जीवन का संबल

 

जल ही है जीवन का संबल,
जल ही जीवन का संचार!
वन्य जीव फसलें जीवित सब,
जल ही है सुख का आधार!!

जल विहीन हो जीना चाहें,
ऐसा संभव नहीं धरा पर!
जल संचय करना हम सीखें,
बर्बादी को रोकें परस्पर!!

पर्यावरण प्रदूषित ना हो,
वृक्ष से करें धारा श्रृंगार!
भावी जीवन मंगलमय हो,
आवर्षण का पड़े न मार !!

जल दोहन से बचना सीखें,
“जिज्ञासु” जन मन सोच प्रखर हो!
धरा स्वर्ग बन जाए अपनी,
नित सुवाष भूषित नभ- सर हो!!

kamlesh

कमलेश विष्णु सिंह “जिज्ञासु”

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