उसी के दिल में

उसी के दिल में | तरही ग़ज़ल

उसी के दिल में

( Usi ke dil me )

उसी के दिल में बसी मेरी जान थोड़ी है
अकेली मुझपे वही मेहरबान थोड़ी है

हँसी-मज़ाक है , वो बदज़बान थोड़ी है
कि मुझसा उसका कोई क़द्रदान थोड़ी है

सभी ने हुस्न की मलिका उसे कहा है यहाँ
हमारा एक ये तन्हा बयान थोड़ी है

खुलूस प्यार मुहब्बत से काम लेते हैं
यहाँ पे एक हमारी दुकान थोड़ी है

ये तुम हो प्यार से मुझको बिठाये रखते हो
तुम्हारे जैसा ही सारा जहान थोड़ी है

तमाम दोस्त मेरा हौसला बढ़ाते हैं
ये मेरे पीछे मेरा खानदान थोड़ी है

शऊर हमने भी पाया है शेर गोई का
क़लम है हाथ में तीर-ओ-कमान थोड़ी है

मैं आज़माऊं उसे किस लिए मेरे साग़र
जुनूने-इश्क है यह इम्तिहान थोड़ी है

Vinay

कवि व शायर: विनय साग़र जायसवाल बरेली
846, शाहबाद, गोंदनी चौक
बरेली 243003

यह भी पढ़ें:-

अपना लिया बेगाने को | Ghazal Apna Liya

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *