मोहब्बत का जादू

मोहब्बत का जादू | Kavita Mohabbat ka Jadu

मोहब्बत का जादू

( Mohabbat ka Jadu )

तेरी मोहब्बत का जादू, जैसे बहार की पहली किरण,
तेरे बिना ये दिल मेरा, जैसे सूनी हो हर बगिया की चिरन।

तेरे हंसने की आवाज़, संगीत की मधुर लहर है,
तेरे बिना ये जीवन, जैसे बिना रंगों का सफर है।

तेरे संग बिताए लम्हे, वो चाँदनी रातों की बातें,
तेरे बिना ये दिल मेरा, तरस रहा है वो पहली मुलाकातें।

तेरी यादों का जादू, हर पल मेरे संग बसा है,
तेरे बिना ये मोहब्बत, जैसे कष्टदायक एक सज़ा है।

तेरे आने की चाहत में, ये आँखें जगती हर रात हैं,
तेरे बिना इस दिल में, जैसे खो गए हर जज़्बात हैं।

तेरी मोहब्बत का जादू, हर दर्द को भुला देता,
तू आ जाए अगर लौटकर, तो यह प्रेम सारे ग़म को मिटा देगा।

कवि : प्रेम ठक्कर “दिकुप्रेमी”
सुरत, गुजरात

यह भी पढ़ें :

सुनो दिकु | Kavita Suno Diku

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *