Shiksha Kavita | Shiksha Par Kavita | Poem On Shiksha -शिक्षा
शिक्षा
( Shiksha )



बंजारा की दो नयी कविताएँ ( 1 ) देवता कभी पत्थरों में खोजे गये और तराशे गयें देवता कभी मिट्टी में सोचे गये और ढ़ाले गयें देवता कभी प्लास्टिक में देखे गये और सांचे गयें. देवता लगातार सूखे पत्तों और कोरे कागजों पर चित्रित किये जाते रहें. मगर…अफ़सोस ! देवताओं को कभी हमने दिल में…

वक्त नहीं लोगों के दामन में ( Waqt nahi logon ke daman mein ) वक्त नहीं लोगों के दामन में, भागमभाग है सारी। महंगाई ने पैर पसारे, डरा रही हमें नित महामारी। चकाचौंध दिखावा ज्यादा, वादे प्रलोभन सरकारी। आटा दाल आसमान छूते, बीत रही जिंदगी सारी। दिनभर की दौड़ धूप से,…

छलावा उस धरा सेइस धरा तकउस गगन सेइस गगन तकउस जहां सेइस जहां तकउस परिवेश सेइस परिवेश तकउस गांव सेइस शहर तकका सफर…रहा नहीं आसानजिसने बदल दिएसारे अरमान…अपनों के साथजीने का सपनाबन कर…रह जाएगा सपनाजो हो नहीं सकताअब कभी अपनाअब अपनों को…नहीं दे पाते वो सम्मानजो थे कभी जीवन की जान श्याम सुंदर यह भी…

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस ( Antarrashtriya matribhasha diwas ) मानव जीवन में भाषा का है बड़ा ही महत्व, २१ फरवरी को मनाते जिसका हम उत्सव। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस होता इस रोज़, ज़िन्दगी में इसके बिना कुछ नही अस्तित्व।। अनेंक प्रकार की भाषा कई तरह की बोली, कोस कोस पर बदलती भाषा और कहानी। सारे विश्व…

भोले भंडारी हम तेरे भिखारी ( Bhole bhandari hum tere bhikhari ) दर्शनों को हम भटक रहें बाबा बनकर के भिखारी, कृपा करों त्रिलोकीनाथ अब सुध लो आप हमारी। रोज़ सवेरे निकलते है खोज करनें को हम तुम्हारी, दर्शन तो अब दो बाबा तबीयत ठीक ना है हमारी।। निराश ना करना मेरे नाथ में…

गांधी जयंती/शास्त्री जयंती ( Gandhi Jayanti | Shastri Jayanti ) द्वि विभूति एक्य जयंती, हिंद धरा अति आह्लाद दो अक्टूबर अद्भुत अनुपम, द्वि महापुरुष अवतरण दिवस । प्रथम अहिंसा परम पुजारी, द्वितीय सादगी उपमा पियस । कोटि कोटि अनंत नमन , आत्मसात दोऊ उपदेश प्रसाद । द्वि विभूति एक्य जयंती, हिंद धरा अति आह्लाद…