शिक्षा
शिक्षा ( Shiksha )
जगत में शिक्षा है आधार।
शिक्षा बिना धुंध सा जीवन शिक्षा मुक्ती द्वार।।
जगत में० ।। अनपढ़ मूढ़ निरक्षर क्या -क्या शव्द बुलाये जाते,
इन लोगों से भेड़ बकरियां पशु चरवाये जाते,
पढ़ें – लिखे मुट्ठी भर लोग तब करते अत्याचार।।
जगतमें० ।। शिक्षा बिना न मिले नौकरी दर-दर ठोकर खाये,
पास पड़ोसी मूर्ख बनाये हर पल लाभ कमाये
शिक्षा बिना तो वर के खातिर वधू मिले न यार।।
जगत में० ।। करो पढ़ाई मान लो भाई तब होगा उजियारा,
पढ़ें लिखे ये भारत मेरा जन-जन का है नारा,
शिक्षा की माला में गुंथते मणि मोती संस्कार।।
जगत मे० ।। गुरुजनों से शेष निवेदन जाकर रोज पढ़ायें,
सम्मानित स्थान मिला है उसका मान बढ़ायें,
वरना आपके बच्चे भी हो जायेगे बेकार ।।
जगत में ० ।। कवि व शायर: शेष मणि शर्मा “इलाहाबादी”प्रा०वि०-बहेरा वि खं-महोली, जनपद सीतापुर ( उत्तर प्रदेश।) Shayari On Life -ये आंसू के अक्षर हैं दिखाई नहीं देते