Shiksha Kavita | Shiksha Par Kavita | Poem On Shiksha -शिक्षा
शिक्षा
( Shiksha )
सपनों की उड़ान ( Sapno Ki Udaan ) सपनों की उड़ान,छू लेती ,आसमान ।करती पूरे ,अरमान ।लाती है ,ये मुस्कान ।भर देती , दिल में जान ।अलग है , इसकी शान ।अद्भुत है ,ये उड़ान ।वाह ,सपनों की उड़ान । श्रीमती प्रगति दत्तअलीगढ़ उत्तर प्रदेश यह भी पढ़ें :
पुल- विश्वास का पहले हमारे बीच बहुत गहरा रिश्ता था प्रेम की नदी पे बने विश्वास के पुल की तरह उस पुल से हम देखा करते थे कभी इन्द्र धनुष के रंग कभी ढलती शाम कभी दूर आलिंगन करते पंछियों को उड़ते बादलों को उसी पुल पे खड़े सुना करते थे मधुर लहरों का…
यादें यूँ भी पुरानी चली आई ( Yaaden Yoon Bhi Purani Chali Aai ) मन की बाते बताये तुम्हें क्या है ये पहली मुहब्बत हमारी भले दिन थे वो गुजरे जमाने मीठी मीठी सी अग्न लगाई हम तो डरते हैं नजदीक आके जान ले लो – ऐ जान हमारी कब से बैठे…
बचपन ( Bachpan ) कितना सुंदर बचपन का जमाना होता था खुशियों का बचपन खजाना होता था । चाहत चांद को पाने की दिल तितली का दीवाना होता था । खबर ना थी सुबह की बस शाम का ठिकाना होता था । थक हार कर स्कूल से जब आते झटपट खेलने भी जाना होता था…
घर की देवी ( Ghar ki devi ) ज्ञान के आभूषण से अलंकृत महत्वकांक्षी,आत्मसम्मान से भरी जीवन के संघर्षो से नही हारी सशक्त हूं तृष्णाओं से परे हूं ।। ओज की ज्वाला जलाकर मैं मर्यादा के गहनों से ही अपनी नित देह को सजाती हूं स्त्री हूं रिश्ते सभी निभाती हूं।। तपकर…
अपना प्यारा गांव ( Apna Pyara Gaon ) जिस माटी पर पड़ा कभी अपने पुरखों का पांव है। महानगर से लगता मुझको अपना प्यारा गांव है। घर चौबारा आंगन देहरी चौरा छप्पर छानी। जाने कितने सुखों दुखों की कहते नित्य कहानी। पर्वों त्योहारों पर कितनी हलचल हुई यहां पर, बचपन हुआ जवान यहां का…