Chhodo Kal Ki Baatein | Kavita -छोड़ो कल की बातें
छोड़ो कल की बातें
( Chhodo Kal Ki Baatein )
छोड़ो कल की बातें
जल्दी से संभालो अपना आज;
क्योंकि इसी में छिपे हैं-
तुम्हारी सफलता के सारे राज
छोड़ो कल की बातें ।
कल क्या हुआ, कल क्या होगा
इसकी क्यों करते हो फ़िक्र ?
वर्तमान में जो लक्ष्य दिखता
उस तक जाने की पकड़ो डगर ।
छोड़ो कल की बातें ।
हर लम्हे को खुल कर जिओ
पता नहीं कल क्या हो जाए;
जो अधूरी इच्छाएँ रह गई हैं
धीरे-2 सबको पूरी कर दिखलाए ।
छोड़ो कल की बातें ।
इस भागदौड़ भरे जीवन में
चुपके से अपने भीतर भी झाँकिए;
बहुत से लोगों को क़ैद पाओगे
ज़रा उनके व्यक्तित्व को भी पहचानिए ।
छोड़ो कल की बातें ।
कुछ दिन काम से छुट्टी लेकर
परिवार-दोस्तों के साथ समय गुज़ारे;
खेले-कूदे, खुलकर मौज-मस्ती करें
अपने बिगड़े-संबंधों को सुधारे ।
छोड़ो कल की बातें ।
आज से नए उद्देश्य तैयार करो
छोड़ो पुरानी ग़लतियों का झमेला ;
आज-अभी को जीभर के जी लो
ना जाने कब बिछड़ जाए यह मेला ।
छोड़ो कल की बातें ।
बहुत-बहुत धन्यवाद !!