Similar Posts
मुझे मत तौलों | Mujhe mat Toulo
मुझे मत तौलों ( Mujhe mat toulo ) मुझे मत तौलों , ईश्वरत्व से, मैं मनुष्य ही बने रहना चाहता हूं, जिसके हृदय में हो , मां जैसी ममता , पिता जैसा साथी, बहन जैसा स्नेह , जो हर दुखित प्राणी के, आंसुओं को पोछ सके , जिसके अंतर में हो , पद दलितों…
खादी एक शान है | Khadi
खादी एक शान है खादी एक शान है, खादी एक सम्मान है। स्वाभिमान है खादी, खादी एक सद विचार है। देसी धागों से बना हुआ, देश प्रेम मे सना। रेशम के तानों से तना, खादी एक सत्कार है। गांधी जी का जीवन दर्शन है, अपना तो दर्पण है, समर्पण है। तन ढकने को…
महात्मा बुध | Chhand Mahatma Buddha
महात्मा बुध ( Mahatma Buddha ) राजा शुद्धोधन सुत, सिद्धार्थ जिनका नाम। सत्य ज्ञान की खोज में, चल पड़े निष्काम। पुत्र पत्नी त्याग के, तज दिया राजपाट। योग साधना सीख ली, पहुंचे गंगा घाट। बोध गया बोधिवृक्ष, मिल गया सच्चा बोध। गौतम बुध हो गए, सिद्धार्थ कर शोध। वीणा के बजते…
मन का संसय | Kavita
मन का संसय ( Man ka Sansay ) उम्मीद हमारी तुमसें है, देखों यह टूट न जाए। विश्वास का धागा ऐसा है जो,पास तेरे ले आए। मन जुड़ा हुआ है श्याम तुम्ही से,तू ही राह दिखाए। किस पथ पहुचें द्वार तेरे, उस पथ को आप दिखाए। भटकत मन को बांध सका ना,शेर…
बाटड़ल्यां जोवां निजरां सूं | राजस्थानी भाषा
बाटड़ल्यां जोवां निजरां सूं बाटड़ल्यां जोवां निजरां सूं, नैणा सूं बतळावां म्हे। आओ म्हारा प्यारा पांवणा, गीत सुरीला गावां म्हे। पलक पांवड़ा राह बिछादयां, हेत घणों बरसावां म्हे। मिजमानी मीठी बोल्या सूं, लाड घणों लडावां म्हे। वीर जुझारू लड़या घणा ही, परचम न लहरावां म्हे। तलवारां रां रो जोश घणो, केशरियो फहरावां म्हे। आन…
बांटकर | Baantakar
बांटकर ( Baantakar ) बंजर हुई धरा सत्य की चमन झूठ का हरशायाहै रिश्ते नाते सब दूर हुए जैसे कपट छल ने मन भरमाया है अपने ही अपनों में लगी है बाजी जीत हार में सब है जूझ रहे खोकर प्रेम भाव हृदय का अपने ही अपनों को है गिर रहे घर के…