ऐसा कौन करता है | Kavita
ऐसा कौन करता है?
( Aisa kon karta hai )
( Aisa kon karta hai )
बेचैन जिंदगी (Bechain zindagi) कागज पर ही रहते हैं रिश्ते आजकल पहचान भर के लिए ही है रिश्ते आजकल सिमटती ही जा रही है, डोर रिश्तों की अब लगाव तो महज जरिया है, कहने का अब अपनों का ही खून, होता जा रहा है जब पानी तब और की उम्मीद भी रखना, है नादानी…
मेरी कलम ( Meri Kalam ) मेरी कलम मेरा साथ बखूबी निभाती है तन्हाई में भी आकर गले लगाती है कड़कती धूप में परछाई बन जाती है ठंड मे मखमल की चादर कहलाती है मैं रूठ जाऊँ अगर तो प्यार से मनाती है सजदे करूं तो दुआएं मेरी भी कहती है गलती पर टोकती…
मानवता बना एक खिलौना ( Manavta bana ek khilona ) खिलौनों से खेलते खेलते कब आदमी आदमी से खेलने लगा, गुड्डे गुड़ियों से खेलते खेलते ना जाने कब गुड्डा,गुड्डी का बलात्कार करने लगा, कितना आसानी से सबने गुड्डी को खिलौना बना दिया, पर हर गुड्डा बुरा नहीं ये किसी ने सोचा ही नहीं, कभी ये…
जब प्यार का गाया मैंने राग है ( Jab pyar ka gaya maine raag hai ) जब प्यार का गाया मैंनें राग़ है देखो भी खिल उठा फ़ूलों का बाग़ है की नाम से तेरे तू देखले सनम उल्फ़त का जल रहा दिल में चराग़ है वो चोट दें गया दिल पे…
होते सिक्के हैं खास! ( Hote sikkey hain khash ) होते सिक्के हैं खास! ये जो सिक्के हैं इनके कई किस्से हैं ढ़लाई ,पंचिंग , मार्क, स्मारक और कामन होते हैं प्रकार भिन्न भिन्न होते इनके आकार! इतिहास भूगोल से भी इनका नाता प्रबुद्ध जनों / विशिष्टों को यह बहुत ही भाता लगाते हैं…
पुरानी पेंशन योजना ( Purani pension yojana ) सबसे बड़ा पर्व पैरामिलेट्री उस रोज़ ही मनाएगा, पुरानी पेंशन लागू हमारी जब कर दिया जाएगा। बहुत बड़ा मुद्दा बन गया है आज यह हमारे लिए, सोचो समझो महामानवों अब जवानों के लिए।। हालात हमारे कैसे भी रहें हमने झुकना न सीखा, सर्दी-गर्मी तेज़ धूप में…