आज उसकी चले हम गली छोड़कर

आज उसकी चले हम गली छोड़कर

आज उसकी चले हम गली छोड़कर

 

 

आज उसकी चले हम गली छोड़कर

नफ़रतें उसकी वो दोस्ती छोड़कर

 

चैन दिल को मिलेगी बहुत तेरे ही

देख तू दोस्त ये मयकशी छोड़कर

 

दोस्ती प्यार का होगा अहसास वो

देख दिल से अपनें दुश्मनी छोड़कर

 

प्यार के गुल उगाये आंगन में हमने

दीवारें नफ़रतों की सभी तोड़कर

 

हर तरफ़ प्यार के फ़ूल मिलेगे तुझे

चल ज़रा दिल से तू बेरुख़ी छोड़कर

 

जिंदगी की हर सांसें आज़म से  जुड़ी

जी नहीं पायेगे शाइरी छोड़कर

 

 

✏शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें : 

नहीं फूलों भरा आंगन रहा है

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *