आम | Aam kavita
आम
( Aam )
खाओ ताजा-ताजा आम
कहते फलों का राजा आम।
कुछ कच्चा कुछ पक्का आम
कुछ खट्टा कुछ मीठा आम।।
बागों में जब बौरे आम
कोयल बोले सुबह और शाम ।
देख टिकोरा तोड़े छोरा
भूल के घर का सारा काम।।
लंगड़ा चौसा और दशहरी
ना जाने हैं कितने नाम ।
बने अचार मुरब्बा चटनी
एक आम है कितने काम।।
हरा हरा कुछ पीला आम
कितना रंग रंगीला आम ।
देखकर होता मन अति हर्षित
रस से भरा रसीला आम।।
गर्मी से कुछ ठंडक मिलती
जब आम का पिएं मीठा रस ।
तन मन में कुछ फुर्ती आए
बच्चे बोले कभी न बस।।
बच्चे को अति भाए आम
बूढ़े प्रेम से खाए आम ।
उछल पड़े तब बच्चे सारे
जब पापा घर में लाए आम।।