Aandhiyan
Aandhiyan

आँधियाँ

( Aandhiyan )

 

वक्त की आंधियां इस कदर छाई है,
गिरे तो मुश्किल से संभल पाई है।

ज़िन्दगी की इस तेज़ रफ़्तार ने
तो कई घरों से छतें तक उड़ाई है।

बेवजह हमसे कुछ चाहतें चुरा कर
नामुमकिन सी ख्वाहिशेँ जगाई है।

हसरतें दिल में रख भूलाना ही सही
मुमकिन सफर की राह कब दिखाई है।

यहाँ कब हम अपनी मर्ज़ी से रहे
जो मिला हमने तो उससे ही निभाई है।

तक़दीर और चाहत कब एक हुए
जीवन में कठिन बस यही एक लड़ाई है।

 

शैली भागवत ‘आस’
शिक्षाविद, कवयित्री एवं लेखिका

( इंदौर ) 

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