Romantic Ghazal -आँखें उनकी है मयखाने
आँखें उनकी है मयखाने
( Aankhen Unki Hai Mainkhane )
आँखें उनकी है मयखाने।
ओठ लगे जैसे पैमाने।।
गालों की रंगत है ऐसी।
लाल -गुलाबी रँग मस्ताने।।
थाम दिलों को रह जाते है।
जब लगते जुल्फ़े बिखराने।।
ढांप कभी आंचल से सर को।
लगते मन ही मन शर्माने।।
घायल करके अब इस दिल को।
नज़रें फेर लगे मुस्काने।।
होश “कुमार” नहीं है बिल्कुल।
हम तो उनके हुए दीवाने।।
?
कवि व शायर: मुनीश कुमार “कुमार”
(हिंदी लैक्चरर )
GSS School ढाठरथ
जींद (हरियाणा)
यह भी पढ़ें :