आप सा कोई नहीं

आप सा कोई नहीं | Aap sa Koi Nahi

आप सा कोई नहीं

( Aap sa Koi Nahi )

बेवफ़ा हैं बावफ़ा कोई नहीं
इस जहां में आप सा कोई नहीं

वक़्त आया जब बुरा तो यूँ लगा
मुझसे जैसे आशना कोई नहीं

मौत आयी तो कहा ये ज़ीस्त ने
दूसरा तो रास्ता कोई नहीं

एक माँ के सारे बच्चे मर गये
इससे बढ़ के हादसा कोई नहीं

जी रहा है सिर्फ़ जो अपने लिये
उस बशर को चाहता कोई नहीं

जब भी चाहूँ देख सकता हूँ उसे
उसमें मुझमें फ़ासला कोई नहीं

मैंने भी ग़ज़लें कही हैं बेशुमार
मुझको लेकिन जानता कोई नहीं

हर किसी में कुछ न कुछ तो ऐब है
इस जहां में देवता कोई नहीं

हर कोई चेहरा ही पढ़ता है ‘अहद’
दिल में लेकिन झाँकता कोई नहीं

शायर: :– अमित ‘अहद’
गाँव+पोस्ट-मुजफ़्फ़राबाद
जिला-सहारनपुर ( उत्तर प्रदेश )
पिन कोड़-247129

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