आपस में रखें भाईचारा | Bhaichara par Kavita
आपस में रखें भाईचारा
( Aapas me rakhe bhaichara )
उत्तम यही है विचार धारा
बेबस बेकशों का सहारा
सदियों से यही हमारी रीति
हमें चाहिए सबकी प्रीति
इसी ध्येय ने दिया था-
वासुधैव कुटुंबकम् का नारा
विश्व एक परिवार था हमारा
है और रहेगा भी
विश्वास है इतना ज्यादा!
इन चंद हवा के बुलबुलों से
कुछ नहीं होने वाला
चंद समय में है स्वयं फुटने वाला।
इतिहास गवाह है –
फिर गवाह बनेगा,
जल्द इन बिगड़ैलों का शोर थमेगा;
जो सूरज था, वही है फिर वही उगेगा।
बस बनाए रखें आपस में भाईचारा,
आपदा में दें एक दूजे को सहारा।
छिटक जाएंगे खिसक जाएंगे
ये टकराने वाले,
सुनहरा अवसर था इनका फिर नहीं मिलने वाले।
जाति धर्म संस्कृति विविध है,
फिर भी मन में द्वेष न किंचित है।
यही संबल है यही है विश्वास,
त्रिलोक में यह धरती नहीं यूंही खास।