
मधु
( Madhu )
शहद बडी गुणकारी…..||
1.शहद बडी गुणकारी, रहतीं दूर अनेक बिमारी |
अमृत सा गाढा मीठा द्रव्य, कुदरत की कलाकारी |
मधु की रचना मक्खी करती, फूलों से रस लेकर |
फूलों को खुश कर देतीं हैं, मीठी सी बातें कहकर |
शहद बडी गुणकारी…..||
2.शहद से निकले छत्ते को, मोम बनाकर रखते हैं |
शहद को सीसी मे भरकर, दुकानो मे भी रखते हैं |
डॉक्टर भी कहता है, उपयोग करो निश शहद को |
कई रोगों से लडने की, है शक्ती भरपूर शहद को |
शहद बडी गुणकारी…..||
3.बच्चों से लेकर बूढों तक, सब के मन को भाती है |
शहद बनाती मधु-मक्खी, कितने अरमान सजाती है |
गाढी-स्वादिस्ट-मीठी हनी, शब्द अंग्रेजी का होता है |
बुन्देली मे मधु मेहपर कहते, हिन्दी मे शहद होता है|
शहद बडी गुणकारी…..||
4.नकली हनी असली हनी मे, फर्क बडा होता है |
पहचानना मुश्किल हो जाता, तर्क बड़ा होता है |
चन्द पैसों के खातिर, खिलवाड स्वस्थ से करते हैं |
कुछ इतने अंधे हो जाते हैं, रब से भी नहीं डरते हैं |
शहद बडी गुणकारी…..||
कवि : सुदीश भारतवासी
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