भगवान पति देना धनवान
( Bhagwan pati dena dhanwan )
कोठी बंगला कार देना, रख लूंगी सदा ध्यान।
कैसा भी हो भगवान, पर पति देना धनवान।
रूतबा थानेदार सा हो, अंदाज बड़ा नवाबी।
सारे व्रत कर लूंगी तेरे, पति मत देना शराबी।
पूजा करूंगी भगवन, दीप नित जलाऊंगी।
चारों धाम तीर्थ तेरे, नित प्रभु मेवे चढ़ाऊंगी।
गांठ का तो पूरा दे देना, चाहे थोड़ा हो ज्ञान।
कैसा भी हो भगवान, पर पति देना धनवान।
फरमाइशें सारी सुन, ताना-बाना ऐसा बुनना।
कारोबार ठाठ बाट, हरि लाखों में ऐसा चुनना।
मेरे संग शॉपिंग पर जाए, खर्चों से ना घबराए।
दुनिया की सैर कराएं, मेरी मर्जी चलती जाए।
काला कलूटा हो चाहे, लंबा तगड़ा हो शैतान।
कैसा भी हो भगवान, पर पति देना धनवान।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )