आसमान छोड़ गये | Aasman Chhod Gaye
आसमान छोड़ गये
( Aasman Chhod Gaye )
1.
ख़मोशियों का फ़कत आसमान छोड़ गये
किसी की याद के पंछी मचान छोड़ गये
2.
महक रहा है उसी की महक से तन सारा
वो दिल दिमाग़ में जो जाफ़रान छोड़ गये
3.
घड़ी-घड़ी ही ये लगता है आसपास हो तुम
दयारे-होश में कैसा गुमान छोड़ गये
4.
उसी सहारे से मंज़िल पे आ गया मैं भी
कि रहनुमाई को तुम जो निशान छोड़ गये
5.
गये बुज़ुर्ग ज़माने से खाली हाथो ही
हमारे सर पे मगर सायबान छोड़ गये
6.
उसी ने देखिये बर्बाद कर दिया हमको
बिठा के घर में जो हम पासबान छोड़ गये
7.
बुरा था चाल चलन इस कदर मुहल्ले का
शरीफ़ लोग वहाँ से मकान छोड़ गये
8.
इसी लिए तो हुनर पर सवाल उठते हैं
जो बेचते थे हुनर वो दुकान छोड़ गये
9.
पशेमां उनकी है औलाद आज तक साग़र
वो लोग जो कभी हिन्दोस्तान छोड़ गये
कवि व शायर: विनय साग़र जायसवाल बरेली
846, शाहबाद, गोंदनी चौक
बरेली 243003
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