अपनी कहानी लिखना | Apni Kahani Likhna
अपनी कहानी लिखना
दिल के औराक़ पे जब अपनी कहानी लिखना
दूध को दूध मगर पानी को पानी लिखना
पढ़ तो लेता हूँ मैं तहरीर तेरे चेहरे की
दास्ताँ फिर भी कभी दिल की ज़ुबानी लिखना
तेरे हाथों में है अब मेरे मुक़द्दर का वरक़
मेरी रातों में उजालों की रवानी लिखना
कैसे जलते हैं मेरे होंठ तेरी फ़ुर्क़त में
मेरे होंठो पे कोई शाम सुहानी लिखना
मैं महकती हुई आऊंगी किसी शाम ढले
यह भी उम्मीद कभी रात की रानी लिखना
हमने भी अहदे-मुहब्बत की क़सम खाई थी
याद हो तुमको कोई बात पुरानी लिखना
उम्र भर तेरी मुहब्बत का यक़ीं पाले रहूँ
राहे-उल्फ़त में कोई ऐसी निशानी लिखना
जिसको पढ़ते ही महक जायें फ़ज़ायें साग़र
बात कुछ ऐसी मेरे दोस्त सुहानी लिख
कवि व शायर: विनय साग़र जायसवाल बरेली
846, शाहबाद, गोंदनी चौक
बरेली 243003
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