Zindagi pe Shayari
Zindagi pe Shayari

लम्हा भर है जिंदगी

( Lamha bhar hai zindagi ) 

 

सबसे तू हँस बोल ले प्यारी भवर है जिंदगी
साँस के बस एक झोंके का सफ़र है जिंदगी

जिंदगी जी ले जी भर मत सोच ज्यादा अब इसे
क्या पता वर्षों की है या लम्हा भर है जिंदगी

खोज ले पल हसरतों के कुछ तो जीने के लिए
ग़म पे ग़म देने लगी है बेअसर है जिंदगी

कर ले कुछ परमार्थ बंदे प्रेम सच्चा मार्ग है
सामने तुझको दिखाती रहगुज़र है जिंदगी

जो उछलते हैं बहुत आसमानों में उन्हें
पैर के नीचे ही रखती चश्मे-तर है जिंदगी

चल रहा है कारवाँ बस साथ तू भी चल यहाँ
नर्म पसरे घास पर शबनम का घर है जिंदगी

है पढ़ाती पाठ कुछ-कुछ रोज जीने के लिए
छोड़ जाती छाप ये गहरा असर है जिंदगी

 

Dr. Sunita Singh Sudha

डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’
( वाराणसी )
यह भी पढ़ें:-

हाल-ए-दिल बताना है | Haal-E-Dil

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here