Abhimanyu kavita
Abhimanyu kavita

अभिमन्यु का शौर्य अमर है

( Abhimanyu ka shaurya amar hai )

 

एक असाधारण योद्धा अर्जुन नंदन कहलाता वो
सुभद्रा दुलारा शूरवीर जा तूफ़ानों से टकराता जो

 

चक्रव्यूह तोड़ा रण में डगमगा जाता महासमर है
महाभारत वीर योद्धा अभिमन्यु का शौर्य अमर है

 

युद्धवीर रणधीर वो महारथी कांपने लगते सारे
दुर्योधन शकुनि दुशासन द्रोणाचार्य भय के मारे

 

चाल चली कौरव दल ने रचा चक्रव्यूह महासमर है
रणभूमि पाई वीरगति अभिमन्यु का शौर्य अमर है

 

माता गर्भ में जान लिया शस्त्रकला कौशल सारा
अल्पायु में लड़ा महासमर वीर पुत्र कुल का तारा
अर्जुन सम श्रेष्ठ धनुर्धर कीर्ति पताका अजर है
श्रीकृष्ण शिष्य प्रिय अभिमन्यु का शौर्य अमर है

 

प्रचंड बाण वर्षा से व्याकुल अरि दल होते सारे
अकेले प्रलय बन टूट पड़े दिखा दिये दिन में तारे

 

पराक्रमी वीर योद्धा लड़ रहा महारथी महासमर है
वीरगति  चला  योद्धा  अभिमन्यु का शौर्य अमर है

 

   ?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :-

खुशी के आंसू | Kavita

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here