अलविदा | Alvida
अलविदा
( Alvida )
मैने पल-पल गुजारा है, तेरे संग-संग बिताया है।
तुझे अलविदा क्या कहना, तू दिल में समाया है।
तुझे अलविदा…।।
कुछ खट्टी मीठी बातों में, जिन्दगी को गुजारा है।
यादों के सहारे जो मैने, हर पल दिल लगाया है।
क्या परायों की आस करे, मेरे अपने तो अपने है,
अपने के लिए ही मैंने, अपनो को भी संभाला है।
तुझे अलविदा…।।
तू छोड़ जा रहा क्यों, लौटकर फिर ना आना है,
तुझे याद हम आयेंगे, फिर गुजरा हुआ जमाना है
तू दूर हो खड़ा क्यों है, मेरे पास में क्या कांटे है।
तेरी नजर में धोखा क्यों, मेरे पास एक भरोसा है।
तुझे अलविदा…।।
तुझे अलविदा मैं कैसे कहूं, एक तेरा ही किनारा है,
तूने दिलसे लगाकर यूं तो, किया मुझे बेसहारा है।
मेरे दर्द को भी अब समझ, यहां कौन अब मेरा है,
तेरी यादों में अब रहकर, मैने दिल को समझाया है।
तुझे अलविदा…।।
हरिदास बड़ोदे ‘हरिप्रेम’
शिक्षाविद/गीतकार/लोकगायक/समाजसेवी
आमला, जिला- बैतूल (मध्यप्रदेश)