Aparajit yayavar hoon main

अपराजित यायावर हूँ मै | Kavita

अपराजित यायावर हूँ मै

( Aparajit yayavar hoon main )

 

1.

अपराजित यायावर हूँ मै,
जिसे चाह नही है मंजिल की।
सारी दुनिया ही अपनी है,
जहाँ रूका वही है मंजिल सी।

 

2.

जितना मैं चाहता, उतना ही दूर तू जाती।
लम्हा लम्हा खत्म होकर के खड़ी मुस्काती।
वाह रे जिन्दगी…..
भरोसा तेरा एक पल का नही,
और नखरे है मौत से ज्यादा।

3.

जीवन मूल्य धरातल पे आ, बिखर गया है ऐसा।
मेरी कल्पना की उड़ान को, पख मिला ना तुझसा।
कोशिश करके देख लिया,मंजिल से दूर बहुत हूँ,
फिर से ले हुंकार खड़ा हूँ, जीवन पथ पे यम सा।

4.

अतृप्त धरा सा मन मेरा, अम्बर को निहारा करता है।
शायद आ जाए मेघ कोई, मन ये समझाया करता है।
तपता सूरज तन जले मेरा, धरती भी बेवाई फटती सी,
नभ दूर दूर सूना लागे,अब आस भी ना कोई जगता है।

5.

मोहब्बत में तेरे हर वक्त, जलते रह रहे है हम।
तडप ऐसी है कि तुझे चाह कर,ना कह सके है हम।
कमी ये मत समझ की, तेरे काबिल नही है हम।
तडप रहे है वो अब भी,जिन्हे हासिल नही है हम।

6.

असर होने लगा है उनका, मुझपे भी खुमारी सा।
मोहब्बत का असर लगता है इसमे बेशुमारी सा।
अगर बेचैन है मन, दिल की तडपन बढ रही हरदम,
बताओ क्या कहेगे इसको, लगती ये बीमारी सा।

7.

बन बाँवरिया श्याम का, श्याम रंग रग जा।
काहे संसय मे पडा, मन को धीर धरा।
हर रस मे हर रंग मे, लीलाधर की लीला है,
त्याग श्वेत रंग श्याम के, भगवा रंग रंग जा।

8.

तड़पते दिल की धड़कन में, अलग कंम्पन सी होती है।
जो तुमको देख करके और, जोरो से धड़कती है।
बने निर्मोही क्यों, नयनों की भाषा क्यों न पढ लते,
तुझे पाने की बेचैनी जो मुझमे, हर रोज बढ़ती है।

9.

हैप्पी वेलेंटाइन डे

( व्यंग्य )

प्रेम करों स्वीकार मेरा, अंग्रेजी में या हिन्दी में।
एक फूल वेलेंटाइन में, बाकी खेलेगे होली में।
सात दिनों का खेला है ये, सोची समझी साजिश है।
नौ महिने बाद चौदह नवम्बर को,चिल्ड्रेन डे जो आती है।

#HappyValentinesDay

10.

तुमको महसूस किया करते है,वाद मुद्दत से हम मिले ही कहाँ।
दिल में अब भी खालीपन सा है, बड़ी शिद्दत से हम मिले थे वहाँ।
वक्त गुजरा जमाना बीत गया, पर ये दिल आज भी तुम्हारा है,
भूलना चाह के भी भूले ना हम, मेरी मन्नत में तू ही तू है यहाँ

 

11.

छोटी सी आँखों में मेरे, ख्वाब बहुत ही बडे रहे।
कुछ टूटा कुछ जोड दिया कुछ, ख्वाब अधूरे बचे रहे।
मुश्किल राह बहुत है फिर भी, हिम्मत टूटी नही मेरी,
ख्वाब हकीकत को करने में, जीवन रथ से गुथें रहे।

 

12.

जो मेरे दिल में हैं वो, जबान पे आया ही नही।
हम वो है जिसने कभी, प्यार जताया ही नही।
मैनें खुद को भुला दी, उसके रंग में डूब गया,
पर वो मुझे छोड़ गया,और फिर आया ही नही।

 

13

कमल पुष्प अर्पित करना, शिव शम्भू तेरे साथ रहे।
इस त्रिभुवन के अरिहंता का,सम्मान हृदय में बना रहे।
आँखों के मध्य पुतलियों में, भगवान हमेशा बने रहे,
हो दशों दिशा में नाम सदा, आभार हमेशा बना रहे।

 

14.

सारे इल्जाम को लेकर हमनें, जा तेरी गलतियों को माफ किया।
ये ही किस्मत में लिखा था शायद,तेरी करनी का जो इल्ज़ाम लिया

 

 

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✍?

कवि :  शेर सिंह हुंकार

देवरिया ( उत्तर प्रदेश )

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Romantic Poetry In Hindi | Hindi Kavita -कल्पना

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