Poem shikshak diwas
Poem shikshak diwas

शिक्षक दिवस

( Shikshak diwas )

 

गुरु ज्ञान की गंगा पावन अनुभव भरा खजाना है
शब्द शब्द अनमोल मोती गुरु श्रीमुख से पाना है

 

दिव्य प्रज्ञा जोत जलाते सन्मार्ग पर हमें ले जाते
आराधक साधक शारदे नव प्रतिभा गढ़ पाते हैं

 

गुणों भरा सागर सारा गुरु दुनिया का ज्ञान कराते
अहंकार मन का हर लेते कला कौशल सिखलाते

 

संस्कार सभ्यता शास्त्र गुरु ज्ञान विज्ञान दर्शन है
उन्नति शिखर अनुपम सीढ़ी गुरु देते मार्गदर्शन है

 

गुरु वशिष्ट बाल्मीकि द्रोणाचार्य संदीपन सुरज्ञान
एकलव्य सा शिष्य हो रखे सच्ची श्रद्धा सम्मान

 

गुरु आशीष में जीवन गुरु जीने की राह बताते हैं
शिल्पकार मानव निर्माता हृदय राष्ट्रप्रेम जगाते हैं

 

कला विद्या शिक्षा सिद्धियां ज्ञानरत्नों के भंडार है
पावन धूली गुरु चरण की वाणी अमृत रसधार है

?

कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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1 COMMENT

  1. वाह..! बहुत बेहतरीन जी।
    हमारे गाँव चौबारा,जिला फतेहाबाद(हरियाणा) के स्कूल में हुए कार्यक्रम की फ़ोटो की फ़ोटो को लेकर आपने जो कविता लिखी है, वह बहुत शानदार है जी।

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