अटल | Atal
अटल
( Atal )
बन गये अटल ऐसी मिसाल
स्तम्भित देखे उन्हें काल !
ऊॅंचा भारति का किया भाल
यह देश हुआ उनसे निहाल !!
परमाणु परीक्षण किया और
भारत रक्षा का बुना जाल !
पौरुष से उनके हुई शान्त
आगत की उठती कठिन ज्वाल !!
बान्धा जो स्वर्ण चतुर्भुज तो
ऐसा कुछ कर डाला कमाल !
जैसे हाथों से बान्ध लिया
भारत का यह भूतल विशाल !!
था शान्त धीर कविह्रदय किन्तु
दिखता था अरि को वह कराल !
वह नीर क्षीर का सद् विवेक
मानस का था वह शुभ मराल !!
कर्त्तव्यों से तोड़ा उनने
था राजनीति का मकड़जाल !
उनकी अंजलि में समा गये
कितने ही छोटे नदी ताल !!
गौरव मण्डित है अस्ताचल
सूरज का मुख हो गया लाल !
भारत जन सागर हुआ विकल
उद्वेलित है लहरें उछाल !!
दिखता अब उनका मानस सुत
इस भारत को लेगा संभाल !
सम्भावित जग संघर्षों से
लगता भी है लेगा निकाल !!
कवि : मनोहर चौबे “आकाश”
19 / A पावन भूमि ,
शक्ति नगर , जबलपुर .
482 001
( मध्य प्रदेश )