खरगोश की खरीददारी

खरगोश की खरीददारी

खरगोश की खरीददारी ******* लाए बाजार से शशक दो रखा नाम काॅटन और स्नो। व्यय किए रुपए अर्द्ध सहस्र, बच्चे दोनों से खेलने में हैं व्यस्त। परेशान किए थे सप्ताह भर से, रट लगाए थे- पापा ला दो न झट से। बाजार नहीं है इसका यहां, भटका सप्ताह भर जहां तहां। यीष्ट मित्रों को फोन…

नज़र का तीर जब निकला यहां तेरी कमानी से

नज़र का तीर जब निकला यहां तेरी कमानी से

नज़र का तीर जब निकला यहां तेरी कमानी से     नज़र का तीर जब निकला यहां तेरी कमानी से। हज़ारों हाथ धो बैठे जहां में जिंदगानी से।।   बहुत सोचा लगा हमको ख़ता तेरी नहीं कोई। शिकायत है हमें ज़ालिम तेरी कातिल जवानी से।।   किया घायल सदा तूने अदाओं से हमें अपनी। हुआ…

उसको तो ज़रा भी दिल में ही प्यार नहीं है

उसको तो ज़रा भी दिल में ही प्यार नहीं है

उसको तो ज़रा भी दिल में ही प्यार नहीं है     उसको तो ज़रा भी दिल में ही प्यार नहीं है मैं सच कहूँ होठों पे ही  इक़रार नहीं है   आ दोस्त गले से ज़रा लग जा तू आकर अब राहों में खड़ी नफ़रत की दीवार नहीं है   हाँ छोड़ नगर इसलिए…

सबकी इच्छा पूर्ति मुश्किल है

सबकी इच्छा पूर्ति मुश्किल है

सबकी इच्छा पूर्ति मुश्किल है ******** बढ़ती चाहतों ने जिंदगी को दुश्वारियों से भर दिया है बहुत कुछ किया है बहुत कुछ दिया है पर सुनने को बस यही मिला है! क्या किया है? क्या किया है? सुन आत्मा तक रो दिया है, बेचैन हो- आसमां से अर्ज किया है। कुछ और नेमतों से नवाज़…

इस कदर वो याद आती हर घड़ी है

इस कदर वो याद आती हर घड़ी है

इस कदर वो याद आती हर घड़ी है     इस कदर वो याद आती हर घड़ी है ! पाने की आज़म उसी की ही लगी है   भूल पाना ही उसे मुश्किल हुआ अब  वो जुदा ऐसी मुझसे सूरत हुई है   प्यार जिसके लहजे में था ही नहीं जो एक सूरत जीस्त में…

किसी का ज़ोर न चलता यहां तक़दीर के आगे

किसी का ज़ोर न चलता यहां तक़दीर के आगे

किसी का ज़ोर न चलता यहां तक़दीर के आगे     किसी का ज़ोर न चलता यहां तक़दीर के आगे। झुकाते सर सभी अपना इसी तासीर के आगे।।     बला की खूबसूरत हो मिले कैसे कोई तुम सा। ठहरता जब नहीं कोई तिरी तस्वीर के आगे।।     न करते घाव वो दिल पर…

दिल हुआ है दीवाना इक आज मुखड़ा देखकर

दिल हुआ है दीवाना इक आज मुखड़ा देखकर

दिल हुआ है दीवाना इक आज मुखड़ा देखकर     दिल हुआ है दीवाना इक आज मुखड़ा देखकर! रोज़ आहें दिल मेरे अब उसको भरता देखकर   प्यार का दिल पे असर मेरे हुआ ऐसा यारों दिल कहीं भी अब नहीं उसको लगता देखकर   के जैसे मेरे लिये रब ने बनाया है तुम्हें दिल…

अनोखा आंदोलन!

अनोखा आंदोलन!

अनोखा आंदोलन! **** कृषि कानूनों के खिलाफ अन्नदाता आंदोलनरत हैं, भीषण सर्दी में ही- दिल्ली बार्डर पर दिए दस्तक हैं। भीड़ बढ़ती जा रही है! ठसाठस सड़कों पर डटे हैं, सरकारी दमनचक्र के बावजूद- टस से मस नहीं हो रहे हैं। तू डाल डाल, मैं पात पात की नीति पर चल रहे हैं, शासन की…

जो किया मिलनें का वो वादा बदलती

जो किया मिलनें का वो वादा बदलती

जो किया मिलनें का वो वादा बदलती     जो किया मिलनें का वो वादा बदलती दोस्त वो बातें लम्हा लम्हा बदलती   साथ क्या मेरा निभायेंगे जीवन भर देखकर मुझको वही चेहरा बदलती   आदमी इतना बुरा हूँ शक्ल से क्या मैं जो  मुझे वो देखकर  रस्ता बदलती   किस तरह उसपे यकीं कर…

रात पूस की

रात पूस की!

रात पूस की! **** पवन पछुआ है बौराया, बढ़ी ठंड अति- हाड़ मांस है गलाया! नहीं है कोई कंबल रजाई, बिस्तर बर्फ हुई है भाई। किट किट किट किट दांत किटकिटा रहे हैं, कांपते शरीर में नींद कहां? निशा जैसे तैसे बिता रहे हैं। चुन बिन कर लाए हैं कुछ लकड़ियां- वहीं सुनगा रहे हैं,…