आवाज़ मिला दी मैंने | Awaaz Mila di Maine
आवाज़ मिला दी मैंने
( Awaaz Mila di Maine )
ज़िन्दगी उसके मुताबिक ही बना दी मैंने
उसकी आवाज़ में आवाज़ मिला दी मैंने
इसलिए चेहरे पे रहता है तबस्सुम मेरे
दिल दुखाती थी जो वो बात भुला दी मैंने
ज़िन्दगी ऐसे मुहाने पे ले आई मुझको
आग अपनी ही तमन्ना में लगा दी मैंने
उनका दीदार किसी तौर मुझे हो जाये
अपने मरने की ख़बर झूठी उड़ा दी मैंने
अपने हालात की तस्वीर दिखा कर उसको
उसके चेहरे पे हँसी देखिये ला दी मैंने
उसने इक़रारे मुहब्बत कभी मुझसे न किया
आज यह बात ज़माने को बता दी मैंने
उसकी बारात सजाने में ख़ुशी से साग़र
अपनी खुशियों भरी बारात लुटा दी मैंने
कवि व शायर: विनय साग़र जायसवाल बरेली
846, शाहबाद, गोंदनी चौक
बरेली 243003
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