Badiya si ghazal

कौन रक्खे प्यार अपने के लिए | Badiya si ghazal

कौन रक्खे प्यार अपने के लिए 

( Kaun rakhe yaar apne ke liye )

 

 

कौन रक्खे प्यार अपने  के लिए !

लड़ रहे है लोग पैसे के लिए

 

दिल भरा है ख़ूब लालच से यहाँ

कौन लड़ता देखो रिश्तें के लिए

 

और तू तैय्यार मिलनें को नहीं

शहर से आया हूँ मिलनें के लिए

 

कौन हूँ तेरा बता सबसे यहाँ

बात मत कर यूं दिखावे के लिए

 

भूल जा तू जुल्म उसके प्यार के

जीस्त में जो होता अच्छे के लिए

 

वो मुझे आज़म नहीं मिलता मगर

फूल लाया हूँ जिस चेहरे के लिए

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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