Badnaseeb shayari

ख़ुशी से आज़म बदनसीब है | Badnaseeb shayari

ख़ुशी से आज़म बदनसीब है

( Khushi se azam badnaseeb hai )

 

ख़ुशी से आज़म बदनसीब है

बड़ा  जिंदगी  में  ग़रीब  है

 

वफ़ा में दग़ाबाज सब मिले

नहीं कोई सच्चा  हबीब  है

 

चला  दूर मैं इसलिए आया

यहाँ कौन  मेरा  रकीब  है

 

वही  दिल दुखा अब रहा मेरा

रहा  जिसके हर पल  क़रीब है

 

करे टूटे दिल का इलाज जो

यहाँ  ख़ूब  ढूंढ़ा  तबीब  है

 

मुझे ख़ूब अफ़सोस यूं होता

बातें कर रहा कुछ अजीब हूँ

 

मिला सुख यहाँ कब मगर  आज़म

यहाँ  बिगड़ा  अपना  नसीब  है

 

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें : –

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *