Sad Hindi Poem -बीते लम्हें
बीते लम्हें
( Beete Lamhen Kavita )
मैने पाया बहुत, मैने खोया बहुत।
जिन्दगी तेरे दर , मैने रोया बहुत।
ख्वाब मैने बुना, जो हुआ सच मगर।
वो मुकम्मिल नही, मैने ढोया बहुत।
शेर से बन गया, लो मै हुंकार अब।
सब समझते रहे, मै हूँ बेकार अब।
मै सींचा बहुत, मैने बोया बहुत।
बीतें लम्हों का गम, मै हूँ बेजार अब।
भूलना चाहता हूँ उसे मै मगर।
बढ गया जिन्दगी में बहुत दूर तक।
थोडा सा साथ था, जिन्दगी का सफर।
पर गुजारा तो है, जिन्दगी साथ में।
है ये गम तो बहुत, छोड कर चल दिया।
पर जो मुझको दिया, जगमगता दीया।
आज भी तेरा चेहरा दिखाता है वो।
तू नही है मगर, आस का वो दीया।
कवि : शेर सिंह हुंकार
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )
Waah waah sher singh ji bahot hi behtareen rachna hai ji
धन्यवाद महोदया