Bekarar Shayari

बेकरार | Bekarar Shayari

बेकरार

( Bekarar )

 

ये दुनिया इतनी आसानी से न तुझे समझ आएगी,
प्यार भी करेगी तुझसे और तुझ को ही रुलाएगी!

बेकरार दिल की धड़कनों में शामिल करके तुझे
दिल के तेरे जज्बातों को ही नामुनासिब ठहराएगी!

ख्यालों को तेरे बेसबब यह दुनिया साबित कर
एक दिन प्रश्नों से कटघरे में तुझको फसाएगी!

हक़ीक़त से अंजान तेरे मन की बस्ती का मोल
बस सिफ़र ही रहा यही तुझको अब जतलाएगी!

तेरी नाज़ायज़ ‘आस’ के सिलसिलों से नाराज़
करार तुझे तेरे जाने के बाद ही अब दिखलाएगी!

 

शैली भागवत ‘आस
शिक्षाविद, कवयित्री एवं लेखिका

( इंदौर ) 

यह भी पढ़ें :-

जीवन का अक्स | Jivan Shayari

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *