हमने देखा है | Humne Dekha Hai
हमने देखा है
मुस्कुराते गुलाब की मानिंद।
हर ख़ुशी है शराब की मानिंद।
हमने देखा है ग़ौर से इसको।
ज़िन्दगी है ह़बाब की मानिंद।
धुन है गर आसमान छूने की।
बनिए ज़िद्दी उ़क़ाब की मानिंद।
कैसे ढालूं मैं हाय रे ख़ुद को।
चश्मे-जानां के ख़्वाब की मानिंद।
कोई सानी ही जब नहीं उनका।
किसको लिक्खूं जनाब की मानिंद।
मिल न पाएगा आपको कोई।
हम से ख़ाना ख़राब की मानिंद।
उनको देखा जो साथ ग़ैरों के।
जल गया दिल कबाब की मानिंद।
क्या कोई शय फ़राज़ है जग में।
उनके ह़स्न-ओ-शबाब के मानिंद।

पीपलसानवी
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