मुक़द्दर से सामना है मेरा | Muqaddar se Samna hai Mera
मुक़द्दर से सामना है मेरा
( Muqaddar se Samna hai Mera )
बड़े अजीब से मंज़र से सामना है मेरा
बग़ैर कश्ती समुंदर से सामना है मेरा
जहाँ जलाई गईं हसरतें मेरे दिल की
उसी चराग़ उसी दर से सामना है मेरा
अजीब दिल की ये हालत है क्या बताऊं तुम्हें
किसी हसीन के पत्थर से सामना है मेरा
क़दम क़दम पे बिछाये हैं जाल साज़िश के
न जाने कैसे सितमगर से सामना है मेरा
किसी तरह से जुटाया है हौसला मैंने
सितमनवाज़ के खंजर से सामना है मेरा
लुटा था जिसके इशारे पे मेरे दिल का जहां
उसी मिज़ाज के रहबर से सामना है मेरा
ये इम्तिहान है तशनालबी का अब मेरा
सुना है साक़ी ओ साग़र से सामना है मेरा
तमाम कोशिशें बेकार हो गयीं सागर
हुज़ूर अपने मुक़द्दर से सामना है मेरा
कवि व शायर: विनय साग़र जायसवाल बरेली
846, शाहबाद, गोंदनी चौक
बरेली 243003
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