भ्रष्ट नेता | Bhrasht Neta
भ्रष्ट नेता! लहू जनता का पीता
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सभी बड़ी हस्तियां शामिल हैं यहाँ के भ्रष्टाचार में
फूटी कौड़ी नहीं दी है जनता ने,किसी को उधार में!
लाखों करोड़ों की गड्डियां जो निकलती हैं,
उनके दराजों से…
आम आदमी का लहू है,
मटिया तेल नहीं!
जो ये टिन के डब्बे में छिपा कर रखते हैं
अपने महल सजाने को
हाय! किसी की नजर लग जाए
इनके खजाने को।
लेखक–मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर
सलेमपुर, छपरा, बिहार ।