लोकतंत्र अभयदान | Kavita loktantra Abhaydan

लोकतंत्र अभयदान लोकतंत्र अभयदान,शत प्रतिशत सही मतदान मतदान लोकतांत्रिक व्यवस्था, सशक्त नागरिक अधिकार । अवसर सर्वश्रेष्ठ नेतृत्व चयन, राष्ट्र भविष्य अनूप श्रृंगार । योग्य दक्ष आदर्श प्रतिनिधि, सहर्ष प्राथमिकता सदा आह्वान। लोकतंत्र...

भूख और भगवान | Kavita Bhookh aur Bhagwan

भूख और भगवान ( Bhookh aur Bhagwan )   भूख और भगवान में, कौन बड़ा? कौन छोटा ? छिड़ी जंग है। भूख है कि, मिटने में नहीं आती , बार-बार पेट, भरना पड़ता...

आहट | Kavita Aahat

आहट ( Aahat )   घर के भीतर तो नज़र आती हैं दीवारे हि रास्ते तो बाहर हि दिखाई देते हैं उजाले की चाहत में कलियाँ अंधेरे मे ही...

हे प्रभु राम | Kavita Hey Prabhu Ram

हे प्रभु राम! ( Hey Prabhu Ram )   तुमको मेरे प्राण पुकारें। अंतस्तल की आकुलता को देख रहे हैं नभ के तारे। निविड़ निशा की नीरवता में, हे प्रभु! तुमको...

राम मंदिर महोत्सव | Kavita Ram Mandir Mahotsav

राम मंदिर महोत्सव   सुन लो सुन लो सारे जग वालों, आपस में लड़ने वालों, रहो ईमान से। राम आए हैं बताने ये जहान से।। राम मंदिर बना है...

हम सबके सियाराम

हम सबके सियाराम   विराजे अयोध्या धाम देखो हम सबके सियाराम । गर्वित हो गया हिंदोस्तान देखो हम सबके सियाराम । मर्यादा का पालन करते दोष दूसरो पर न धरते...

श्री राम जन्मोत्सव | Kavita Shri Ram Janmotsav

श्री राम जन्मोत्सव ( Shri Ram Janmotsav )   सज गई अयोध्या हर्षित है जग सारा, चहुं ओर फैला राम नाम का उजियारा। जिधर देखो उधर आज श्री...

छोटी चीजें | Kavita Choti Chijen

छोटी चीजें ( Choti Chijen )   छोटी चीज़ों पर नजर रखना बहुत बड़ा काम हैछोटी चीज़ें ही जनम देती है विराट चीज़ों कोपैदा होता है बरगद...

तुम तुम हि हो | Kavita Tum Tum Hi Ho

तुम तुम हि हो ( Tum Tum Hi Ho )   कौन कहाँ है, कितनी दूर है पहुुंचेगा कब यह आपका नही उसका विषय है आप कहाँ हो कितनी...

बंजारा की नौ नवेली कविताएँ

गली (एक) ------------- एक जुलाहे ने बुनी थी दूसरी यह --- ईट-गारे और घर-आंगन से बनी है . यह भी मैली है नुक्कड़ तक फैली है फटी है और सड़कों से कटी है . इसमें भी रंगों-से रिश्ते...