काहे के नववर्ष ? ( भोजपुरी भाषा में )

मिलता कैसे सहारा नये साल में

मिलता कैसे सहारा नये साल में मिलता कैसे सहारा नये साल मेंकर रहे सब किनारा नये साल में चमके किस्मत का तारा नये साल मेंकर दो कुछ तो इशारा नये साल में भर गया दिल हमारा उमंगों से अबदेखा ऐसा नजारा नये साल में कोई तरकीब ऐसी लगा लीजियेहो सुकूँ से गुज़ारा नये साल में…

हर घड़ी इस साल की

हर घड़ी इस साल की

हर घड़ी इस साल की हो मुबारकबाद सबको हर घड़ी इस साल कीसाल भर रौनक़ रहे घर घर में इस्तकबाल की कीजिएगा सब दुआएं उम्र भर फूले फलेंदिल को छू पाये नहीं कोई हवा जंजाल की गुज़रे ऐ मौसम बहाराँ तू चमन में इस तरहख़ूबसूरत ज़िन्दगी हो हर शजर हर डाल की दूध माखन और…

छोड़ो | Chhodo

छोड़ो | Chhodo

‘छोड़ो’ किसी बहाने जब देखो छज्जे पर आना-जाना छोड़ोआता देख मुझे खिड़की में आकर बाल बनाना छोड़ो क्या नाता है तुमसे मेरा क्यों अपनापन जता रहे होहँस हँस के यूँ बार-बार नैनों से तीर चलाना छोड़ो मैं नसीब का मारा मुझको पाकर होगा हासिल क्याअपने दिल के बालू पर बरसाती फसल उगाना छोड़ो आहें भरना…

मैंने सीख लिया

मैंने सीख लिया

मैंने सीख लिया मन के भावों को होंठों पर लाना मैंने सीख लियालफ़्फ़ाज़ी में लोगों को उलझाना मैंने सीख लिया पहले थोड़ा डर लगता था फ़िर बेशर्मी ओढ़ी तोखुलकर हर महफ़िल में आना-जाना मैंने सीख सच्चाई में जीना मुश्किल अच्छे-अच्छे डूब गएभर-भर थाली घोटालों से खाना मैंने सीख लिया शेख़ असल हूँ पीना छोड़ो छूना…

तुम्हारे बाद का दुख

तुम्हारे बाद का दुख | Tumhare Baad ka Dukh

तुम्हारे बाद का दुख मैं ये समझा की पल भर है तुम्हारे बाद का दुखमगर अब तो मुकर्रर है तुम्हारे बाद का दुख मेरे चहरे पे रौशन हैं उमीदें लौटने कींमेरी आँखों के अंदर है तुम्हारे बाद का दुख तुम्हारी डायरी भी है वो छोटी मूरती भीसभी तोहफ़ों से बढ़कर है तुम्हारे बाद का दुख…

कोई नहीं देगा | Koi Nahi Dega

कोई नहीं देगा | Koi Nahi Dega

कोई नहीं देगा क़सम खाते हैं सब झूठी ये जाँ कोई नहीं देगामुसीबत में सहारा भी यहाँ कोई नहीं देगा सभी अपने दग़ा देंगे, ज़माना लूट लेगा भीतेरी झोली में ला कर आसमाँ कोई नहीं देगा तुझे अपनी विरासत को ख़ुद ही महफ़ूज़ रखना हैहिफ़ाज़त बन के तुझको पासबाँ कोई नहीं देगा यहां कागज़ पे…

दर्द में भी मुस्कराना चाहिए

दर्द में भी मुस्कराना चाहिए

दर्द में भी मुस्कराना चाहिए हर खुशी को गुन गुनाना चाहिएदर्द में भी मुस्कराना चाहिए जो पड़ी बंजर हमारी भूमि हैअब वहां फसलें उगाना चाहिए तुम नहीं भागो नगर की ओर अबगाँव में मिलकर सजाना चाहिए खोखले हो जाये न रिश्ते सभीयार उनको भी बचाना चाहिए साथ मिलके खाई थी उसने कसमयाद अब उसको दिलाना…

मुहब्बत में वफ़ा-परवर खड़े हैं

मुहब्बत में वफ़ा-परवर खड़े हैं

मुहब्बत में वफ़ा-परवर खड़े हैं मुहब्बत में वफ़ा-परवर खड़े हैंलगा के ताज को ठोकर खड़े हैं न थामा हाथ भी बढ़कर किसी नेयूँ तन्हा हम शिकस्ता-तर खड़े हैं करूँ कैसे तुम्हारा मैं नज़ाराज़माने में सौ दीदा-वर खड़े हैं शजर आता न कोई भी नज़र अबबशर सब धूप में थक -कर खड़े हैं मिरे ज़हनो गुमाँ…

सभी बशर यहाँ के यार बे-ज़बाँ निकले

सभी बशर यहाँ के यार बे-ज़बाँ निकले

सभी बशर यहाँ के यार बे-ज़बाँ निकले सितम ही सहते रहे वो तो ला-मकाँ निकलेसभी बशर यहाँ के यार बे-ज़बाँ निकले न कल ही निकले न वो आज जान-ए-जाँ निकलेकि चाँद ईद के हैं रोज़ भी कहाँ निकले तबाही फैली कुदूरत की हर तरफ़ ही यहाँकहाँ कोई भी मुहब्बत का आशियाँ निकले रहे-वफ़ा में न…

धूल को फूल बनाने वाले

धूल को फूल बनाने वाले

धूल को फूल बनाने वाले धूल को फूल बनाने वालेराग औ रंग सजाने वाले अब नही साथ निभाने वालेलाख कसमें वो उठाने वाले सब खरीद्दार ही निकले देखोरूह तक आज वो जाने वाले कर रहे बात यहां उल्फ़त कीदिल में वो आग लगाने वाले कुछ नही पास हमारे अब हैरंक से आज बताने वाले क्या…