Jaan se Pyara Watan

जान से प्यारा वतन

( Jaan se pyara watan )

 

मुझे तो जान से प्यारा वतन है ?
हसीं उल्फ़त भरा मेरा चमन है

लड़े हैं दुश्मनों से सबकी खातिर
कि मेरा सैनिको को ही नमन है

बहारों में बहे जिसकी मुहब्बत
हमारा मुल्क वो देखो फ़बन है

कहीं होगी अदावत, तल्ख़ बातें
मुहब्बत का यहाँ तो बस चलन है

लुटाता हूँ वतन पर जाँ यूं अपनी
गुलाबी सा हसीं मेरा वतन है

करे हमला कोई मेरे चमन पर
बहुत दिल को यहाँ होता दुखन है

मिटा दूँगा वतन के दुश्मनों को
वतन से खूब आज़म को लगन है

शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )

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