नाम मुहब्बत रखा गया

नाम मुहब्बत रखा गया

नाम मुहब्बत रखा गया दुनिया को इस तरह से सलामत रखा गयादो दिल मिले तो नाम मुहब्बत रखा गया गर वक़्त साथ दे तो बुलंदी पे हैं सभीरूठा अगर तो नाम कयामत रखा गया फैलाया हाथ हमने किसी के न सामनेख़ुद्दारियों को सारी अलामत रखा गया सब कुछ लुटाया उसने हमारे ही वास्तेमाँ का भी…

आज बीमार दिल की दवा ही नहीं

आज बीमार दिल की दवा ही नहीं

आज बीमार दिल की दवा ही नहीं आज बीमार दिल की दवा ही नहीं ।क्या लबों पे किसी के दुआ ही नहीं ।। बन गये आज हैं वहसी इंसान सब ।क्या कहूँ आज उनमें खुदा ही नहीं ।। खत लिखे प्रेम के लाख जिसके लिए ।बाद उसमें सुना फिर वफ़ा ही नहीं ।। बात मेरी…

मिला था निराली मधुर जिंदगी से

मिला था निराली मधुर जिंदगी से

मिला था निराली मधुर जिंदगी से भ्रमर बाग में जब मिला था कली सेमिला था निराली मधुर जिंदगी से सही और प्यारी सलाह दे रहा हूंहुनर सीख चलने का चलती घडी से कभी मैं कभी तू कभी ये कभी वोमिलेंगे कसम से नयी रोशनी से जरा गौर कर तू वहां देख प्यारेखड़ा है सफल आदमी…

कभी तुम

कभी तुम प्यार से बस इक नज़र देखो

कभी तुम प्यार से बस इक नज़र देखो कभी तुम प्यार से बस इक नज़र देखोफ़क़त मुझ को भी अपना मान कर देखो विरासत में नहीं मिलते ख़ुशी के पलये काँटों से भरा मेरा सफ़र देखो लक़ब मुझ को मिले जो अब तलक सारेमिरी माँ की दुआ का है असर देखो अगर जो प्यार में…

मीरा जैसी कोई अब दीवानी नहीं

मीरा जैसी कोई अब दीवानी नहीं

मीरा जैसी कोई अब दीवानी नहीं प्यार की हमको दिखती कहानी नहींमीरा जैसी कोई अब दीवानी नहीं दर्द मुझको भी होता है समझो जरामुझमें भी है लहूँ कोई पानी नहीं वो भी देता है ताना मुझे ख़्वाब मेंप्यार की पास में जो निशानी नहीं धौंस सब पर दिखातें हैं वो ही यहांजिनकी बस में ही…

तेरे हुस्न पर कामरानी लुटा दी

तेरे हुस्न पर कामरानी लुटा दी

तेरे हुस्न पर कामरानी लुटा दी तेरे हुस्न पर कामरानी लुटा दीबुलंदी की हर इक निशानी लुटा दी ख़ुदा ने सँवारा सजाया चमन कोगुलों पे सभी मेहरबानी लुटा दी फ़िजाओं में नफ़रत का विष घोल कर केमुहब्बत की सारी कहानी लुटा दी ख़ज़ाना किया सारा खाली उन्होंनेकि हासिल हुई राजधानी लुटा दी करें रोज़ क़ुदरत…

तेरा शिद्दत से इंतिज़ार किया

तेरा शिद्दत से इंतिज़ार किया

तेरा शिद्दत से इंतिज़ार किया उम्र भर बस ये रोज़गार कियातेरा शिद्दत से इंतिज़ार किया बेसबब ख़ुद को दाग़दार कियाजाने क्यों तेरा ऐतिबार किया ज़ीस्त में अब न लुत्फ़ है कोईक्या कहें घर को ही मज़ार किया क्यों न करते भी शुक्रिया उसकाजिसने मौसम को ख़ुशगवार किया ज़ख़्म खाये हज़ार थे हमनेमरहम-ए-वक़्त ने सुधार किया…

ज़िंदगी को वो जहन्नुम ही बनाएगा

ज़िंदगी को वो जहन्नुम ही बनाएगा

ज़िंदगी को वो जहन्नुम ही बनाएगा ज़िंदगी में फूल को जो भी सताएगाज़िंदगी को वो जहन्नुम ही बनाएगा तू डराना चाहता है मौत को प्यारेये बता तू मौत को कैसे डराएगा बावली सी हो गयी मैं जानकर ये कीआज बेटा शौक से खाना पकाएगा मानता हूं तू बहुत नाराज़ है लेकिनभाई के बिन जश्न तू…

वो ख़ुद मुस्कुरा दी

वो ख़ुद मुस्कुरा दी

वो ख़ुद मुस्कुरा दी हिमाकत पे अपनी वो ख़ुद मुस्कुरा दीकिसी की ख़ता की किसी को सज़ा दी मुझे हौसला जब नहीं हो रहा थाउसी ने इशारों से हिम्मत बढ़ा दी मुझे फ़ैसला यूँ बदलना पड़ा थाशिकायत की उसने झड़ी सी लगा दी मैं औरों से तरजीह दूँ क्यों न उसकोमेरी साईं क़िस्मत थी उसने…

है ही नहीं | Hai hi Nahi

है ही नहीं | Hai hi Nahi

है ही नहीं ( Hai hi nahi ) नेक गुण आदमी में है ही नहींसाफ़ पानी नदी में है ही नहीं हाथ को जोडकर खड़ा है परसादगी आदमी में है ही नहीं फूल ताज़े हैं पर है ये हालतशुद्धता ताज़गी में है ही नहीं मूर्ति के सामने खड़ा है परभावना बंदगी में है ही नहीं…