यहाँ चंचल नयन वाली कहाँ है

यहाँ चंचल नयन वाली कहाँ है

यहाँ चंचल नयन वाली कहाँ है दिखाओ वह घटा काली कहाँ हैयहाँ चंचल नयन वाली कहाँ है जुबाँ उसकी सुनों काली कहाँ हैदरख्तों की झुकी डाली कहाँ है गुजारा किस तरह हो आदमी काजमीं पर अब जगह खाली कहाँ है जिसे हम चाहते दिल जान से अबहमारी वो हँसी साली कहाँ है मिलन अब हो…

घर आबाद रखना

घर आबाद रखना | Ghar Aabaad Rakhna

घर आबाद रखना मुसलसल दिल को अपने शाद रखनामेरी यादों से घर आबाद रखना गुज़ारी है ग़मों में यूँ भी हँसकरमुझे है प्यार की मरजाद रखना मिलेंगे हम ख़ुशी से फिर यहीं परलबों पर बस यही फ़रियाद रखना वफ़ा के फूल ख़ुद खिलते रहेंगेसदा देते इन्हें तुम खाद रखना बहारें दे रहीं हैं दस्तकें फिरसनम…

तुझे ताजदार करना है

तुझे ताजदार करना है

तुझे ताजदार करना है वफ़ा की राह को यूँ ख़ुशग़वार करना हैज़माने भर में तुझे ताजदार करना है भरम भी प्यार का दिल में शुमार करना हैसफ़ेद झूठ पे यूँ ऐतबार करना है बदल बदल के वो यूँ पैरहन निकलते हैंकिसी तरह से हमारा शिकार करना है ये बार बार न करिये भी बात जाने…

हर दिन कलाम करते हैं

हवा रुक जायेगी

हवा रुक जायेगी गर ख़ुदा रहमत करे तो हर बला रुक जायेगीजल उठेंगे बुझते दीपक यह हवा रुक जायेगी इसलिए हाकिम के आगे रख दिये सारे सबूतजुर्म साबित हो न पाये तो सज़ा रुक जायेगी साथ तेरे हैं अगर माँ की दुआएं ख़ौफ़ क्यातेज़ तूफाँ में भी कश्ती नाख़ुदा रुक जायेगी बेवफ़ाई से तेरी परदे…

ज़िन्दगी पराई हो गई

ज़िन्दगी पराई हो गई

ज़िन्दगी पराई हो गई बेवफ़ा नहीं थी उससे बेवफ़ाई हो गईहोता ही नही यकीन जग हँसाई हो गई दे रही थी ज़ख़्म जो अभी तलक यहाँ मुझेदेखिए वो खुद ही ज़ख़्म की दवाई हो गई होठ मे गुलों की खुशबू और बातों में शहददो घड़ी में उससे मेरी आश्नाई हो गई बढ़ रही थी धड़कने…

मोबाइल से

मोबाइल से | Mobile se

मोबाइल से सारे रिश्ते ख़तम मोबाइल से,अच्छेअच्छे भसम मोबाइल से । देश भर के शरीफ़ज़ादे सब ,हो गयें बेशरम मोबाइल से । नाचती हैं हसीन बालाएं,बन गया घर हरम मोबाइल से। बैठ दिल्ली में बात गोवा की,खायें झूठी कसम मोबाइल से। भागवत आरती भजन कीर्तन,डीजिटल है धरम मोबाइल से । चिट्ठियों का गया ज़माना अब,भेजती…

Hamari Jaan na Lo

हमारी जान न लो | Hamari Jaan na Lo

हमारी जान न लो हमारा दिल तो लिया अब हमारी जान न लोअज़ाब इतना बड़ा सर पे मेहरबान न लो मुकर न जायें किसी रोज़ हम मुहब्बत सेहमारे सब्र का इतना भी इम्तिहान न लो करो तो जंग मुसीबत से तुम अकेले भीयूँ बार बार हमें इसके दर्मियान न लो वफ़ा का ज़िक्र हमारा कहीं…

देख लो | Dekh Lo

देख लो | Dekh Lo

देख लो जश्न अपनी हार का इन महफ़िलों में देख लोज़ाम टकराते हुए इन अफ़सरों में देख लो चीख कितना यह रहे अधिकार को तेरे लिएअब ठहर कर आप इनकी नीतियों में देख लो ये उपासक प्रेम के कितने बड़े है क्या कहूँआज इनपे आप उठती उँगलियों में देख लो लूटकर ये अस्मते खूँ की…

हिज़्र भी वस्ल सा लगा है ये

हिज़्र भी वस्ल सा लगा है ये

हिज़्र भी वस्ल सा लगा है ये इक नया तजरिबा हुआ है येहिज़्र भी वस्ल सा लगा है ये अश्कों को भी समेट कर रखतालोग कहते हैं मसख़रा है ये वास्ते तेरे बस ग़ज़ल कहतेइस सुख़न -साजी ने किया है ये दाल रोटी के रोज़ चक्कर मेंइश्क़ तो अब हुआ हवा है ये गुम तो.होशो-ख़िरद…

कर दे जो दूर ग़म

कर दे जो दूर ग़म

कर दे जो दूर ग़म कर दे जो दूर ग़म को किसी में हुनर नहींयारब क्या ग़म की रात की होगी सहर नहीं तड़पे जिगर है मेरा ये उनको ख़बर नहींये आग इश्क़ की लगी शायद उधर नहीं घर से निकलना आज तो मुश्किल सा हो गयामहफ़ूज नफ़रतों से कोई रहगुज़र नहीं चलती है चाल…