गुलशन में कली जवां हुई है | Ghazal

गुलशन में कली जवां हुई है ( Gulshan mein kali jawan hui hai )    गुलशन में कली जवां हुई है ख़ुशबू अब रवां यहां हुआ है   सबके कल...

दिल दुखा ख़ूब रहा वो मेरा | Sad wali ghazal

दिल दुखा ख़ूब रहा वो मेरा ( Dil dukha khoob raha wo mera )    दिल दुखा ख़ूब रहा वो मेरा ! दोस्त सच्चा न हुआ वो मेरा  हर...

शहर से ए यार लौटा गांव में | Ghazal

शहर से ए यार लौटा गांव में ( Shahar se e yaar lauta gaon mein )    शहर से  ए यार लौटा गांव में देखो अपने चैन मिलता...

आ रही है रोज यादें खूब है | Yaad aap ki...

आ रही है रोज यादें खूब है ( Aa rahi hai roj yaadein khoob hai ) आ रही है रोज़ यादें ख़ूब है ! रोज़ भीगी यार...

मेरा सुकुं | Gustakh poetry

मेरा सुकुं ( Mera sukoon )    मेरा  सुकुं  ओ  नींद  भी  मेरी उड़ाई है जबसे जवानी , टूट के जो तुझपे आई है  शोला बदन को देख के...

एक ऐसी मोहब्बत | Ek aisi mohabbat | Poem in Hindi

एक ऐसी मोहब्बत ( Ek aisi mohabbat )    एक ऐसी मोहब्बत किये जा रहे है, अकेले ही हर ग़म सहे जा रहे है।   नही कोई शिकवा नही है...

इसलिए फ़ूल भेजा नहीं प्यार का | Ghazal

इसलिए फ़ूल भेजा नहीं प्यार का! ( Isliye phool bheja nahi pyar ka )    इसलिए फ़ूल भेजा नहीं प्यार का! है फ़रेबी भरा ख़ूब दिल  यार का  इसलिए...

कुछ रात ठहरी सी | Shero shayari

कुछ रात ठहरी सी ( Kuch raat gehri si )   कुछ रात ठहरी सी है , स्याह सी, गहरी सी हैधुंध को ओढ़े सी है ,...

गुलशन में ही शबनम ए दौर नहीं है | Gulshan shayari

गुलशन में ही शबनम ए दौर नहीं है ( Gulshan mein hi shabnam e daur nahin hai )    गुलशन में  ही शबनम ए  दौर नहीं है शाखों...

वो कहता रकीब हूँ बहुत मैं | Raqeeb shayari

वो कहता रकीब हूँ बहुत मैं! ( Wo kahta raqeeb hoon bahut main )    वो कहता  रकीब हूँ बहुत मैं! जिसका ही हबीब हूँ बहुत मैं  सामान खरीदूँ...