सियासती बुरके पहनकर,वो बग़ावत कर रहे हैं | Ghazal

सियासती बुरके पहनकर,वो बग़ावत कर रहे हैं ( Siyasati burka pahan kar wo bagawat kar rahe hain )   सियासती बुरके पहनकर,वो बग़ावत कर रहे हैं !!-- हर...

आज पीते शराब देखा है | Sharab Shayari in Hindi

आज पीते शराब देखा है ( Aaj peete sharab dekha hai )    जो नहीं  है  नसीब में  मेरे रात भर उसका ख़्वाब देखा है   रोज दीदार को तरसे...

जिंदगी की ही हर ख़ुशी है मां | Poem on maa

जिंदगी की ही हर ख़ुशी है मां ! ( Zindagi ki har khushi hai maa )    आपसे दूर जब से गया हूँ मैं आ रही याद आपकी...

आज वो इंकलाब लिख दूँगा | Ghazal Aaj Wo Inqalab Likh...

आज वो इंकलाब लिख दूँगा! ( Aaj wo inqalab likh dunga)    आज वो इंकलाब लिख दूँगा! हर अदू का हिसाब लिख दूँगा   हो महक हर पन्ने उसी की...

यहाँ चल रही नफ़रतों की फ़िज़ां है | Ghazal nafraton ki...

यहाँ चल रही नफ़रतों की फ़िज़ां है! ( Yahaan chal rahi nafraton ki fiza hai )    यहाँ  चल रही नफ़रतों की फ़िज़ां है! खिलेंगे नहीं प्यार के...

हाल ए दिल | Ghazal Haal -E- Dil

हाल ए दिल भी समझो ( Haal e dil bhi samjho )   1. क्यो करते हो सवाल, हाल ए दिल भी समझों। जीवन मे बडा बवाल, दर्द ए...

यहाँ रोज़ जिसकी बहुत आरजू की | Ghazal aarzoo

यहाँ रोज़ जिसकी बहुत आरजू की ( Yahan roz jiski bahut aarzoo ki )    यहाँ रोज़ जिसकी बहुत आरजू की  उसी की बहुत कू ब कू जुस्तजू...

लोगों में ही ख़ूब नफ़रत है यहाँ | Ghazal nafrat

लोगों में ही ख़ूब नफ़रत है यहाँ ( Logon mein hi khoob nafrat hai yahan )    लोगों में ही ख़ूब नफ़रत है यहाँ कब दिलों में...

बे हया फ़िर शबाब क्यों उतरे | Ghazal be haya

बे हया फ़िर शबाब क्यों उतरे ( Be haya phir shabab kyon utre )    बे हया फ़िर  शबाब क्यों उतरे शक्ल से ही हिजाब क्यों उतरे  जब जुबां...

ख्याल हूँ मैं तेरे ख्वाब का | Ghazal Khayal Hoon Main

ख्याल हूँ मैं तेरे ख्वाब का ( khayal hoon main tere khwab ka )   ख्याल हूँ मैं, तेरे ख्वाब का तसव्वुर से निकली तो हकीकत में उलझ...