काहे बावड़ी पे बैठी राधा रानी

Kavita | काहे बावड़ी पे बैठी राधा रानी

काहे बावड़ी पे बैठी राधा रानी ( Kahe Bawri Pe Baithi Radha Rani )   काहे बावड़ी पे बैठी राधा रानी, चलो चलते है यमुना के घाट पे। आया  सावन   भरा  नदी   पानी, चलो चलते है नदियां के घाट पे।।   बैठ कंदम्ब की डाल कन्हैया, मुरली  मधुर  बजाए। जिसकी धुन पर बेसुध गैय्या, ऐसी …

जंग लगी हो गर लोहे में तो ताले नहीं बनाते

Kavita | जंग लगी हो गर लोहे में तो ताले नहीं बनाते

जंग लगी हो गर लोहे में तो ताले नहीं बनाते ( Jang Lagi Ho Gar Lohe Mein To Tale Nahin Banate )   जंग लगी हो गर लोहे में तो ताले नहीं बनाते  गरीब गर गरीब है तो लोग रिश्ते नहीं बनाते   जर्जर हो गर बुनियाद तो मीनारें रूठ जाती हैं सुखे हो गर…

ब्याज दर घटाने का फैसला वापस!

Kavita Bayaj Dar | ब्याज दर घटाने का फैसला वापस!

ब्याज दर घटाने का फैसला वापस! ( Bayaj Dar Ghatane Ka Faisla Wapas )   निर्णय बदल लिया है, वित्त मंत्री ने ट्विटर कर जानकारी दिया है; सरकार ने ब्याज दर घटाने का फैसला वापस ले लिया है। पुरानी दरें रहेंगी बरक़रार, बधाई हो सरकार! वरना गरीबों की समस्याएं बढ़ती बेशुमार। बचत ही नहीं होती,…

नींद नहीं आसां

Neend par Kavita | नींद नहीं आसां

नींद नहीं आसां ( Neend Nahi Aasan ) चीज नई नहीं है, सहज भी नहीं है। बमुश्किल आती है, मेहनतकशों को लुभाती है। आरामतलबों को रूलाती है, बमुश्किल उन्हें आती है; अनिद्रा रोगी बनाती है। खाते औषधि दिन रात, फिर भी बनती नहीं बात। बद से बदतर जब होते हालात- तो निकलते सुबह सैर पर,…

होली

होली त्यौहार | Holi par Kavita in Hindi

होली ( Holi )   होली में केवल रंग है अब प्रेम न उमंग है   !! नशा है न मस्ती रंगो से खाली बस्ती बस पसरा है सन्नाटा कहीं न हुड़दंग है …….   होली में केवल…….     बजता नहीं अब गाना मौसम नहीं फगुआना बुढ़वा में नहीं हलचल    बच्चों में न तरंग…

कुछ ऐसे मनाएं होली

Kavita Aise Manayein Holi | कुछ ऐसे मनाएं होली

कुछ ऐसे मनाएं होली ( Kuch Aise Manayein Holi )   आओ मनाएं मिलजुलकर खुशियों की होली, जर्रा जर्रा खिलखिला उठे दे हम ऐसी गोली। बढ़े भाईचारा रहे न कोई बेसहारा पकड़ हाथ ले साथ किनारे सबको लगाएं चेहरे सभी के खिल जाएं कुछ इस तरह हम होली मनाएं रंगत हमारी देखकर गुलाल भी शरमा…

होली

Holi Kavita | होली के त्यौहार पर कविता

होली ( Holi )   रंग-बिरंगे रंगों का त्यौहार है होली फागुन का सजीला सिंगार है होली बेरंग ज़िंदगी में फिर लाई बहार है होली प्राणियों में बसा सच्चा प्यार है होली । रंग-बिरंगे रंगों का त्यौहार है होली ।।   बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है होली राधा-कृष्ण के प्रेम का अमर…

दया/करुणा

Karuna par Kavita | दया/करुणा

दया/करुणा ( Daya Karuna )   परमपिता वो परमेश्वर, दयासिंधु  वो  करतार। उसकी करुणा से ही, चलता सारा संसार।   ऐसी  प्रज्ञा  दो  प्रभु  जी, मन न आए कलुष विकार। दया धर्म से भरा हो जीवन, प्रवाहित हो करुण रसधार।   दीन दुखियों के रक्षक तुम हो  जगत्  के  पालन  हार। जल थल गगन में…

हमारा संविधान

हमारा संविधान | Kavita

हमारा संविधान ( Hamara Samvidhan ) ***** दिया है हक हमें लड़ने का बढ़ने का डटने का सपने देखने का बोलने का समानता का अपनी मर्ज़ी से पूजन शिक्षण करने का आजादी से देश घूमने का। किसी भूभाग में आने जाने का बसने और कमाने खाने का। न कोई रोक टोक न कोई भेदभाव सभी…

लहर

लहर | Lahar par Kavita

लहर ( Lahar )   भक्ति भाव भर मन उमंग, उठती है इक दिव्य तरंग।   मन प्रकाशित होता ऐसे, झूमता ज्यों मस्त मलंग।     भाव उमंग जब लहर उठे, झड़ी शब्दों की फुलझड़ी।   झुका  गगन  धरती पर यूॅ॑, क्षितिज में खनकी हो हॅंसी।     लहराती हुई नदियाॅ॑ चली, मधुर मिलन को…