शाबाश अनन्या

शाबाश अनन्या | Anannya par kavita

शाबाश अनन्या ( Shabash Anannya ) ***** तुने हिम्मत दिखाई, खुद के लिए ‘राजधानी’ चलवाई। रेल प्रशासन को झुकाई, गया गोमो होते हुए ट्रेन रांची ले आई। तुम बहादुर हो, प्रेरणा हो; शेरनी हो । अकेली हो इतनी हिम्मत दिखाई! वरना 930 यात्रियों ने तो डाल्टेनगंज में ही ट्रेन ही छोड़ दी, आवाज उठाने की…

मुश्किल हो गया

मुश्किल हो गया | Poem mushkil ho gaya

मुश्किल हो गया ( Mushkil ho gaya )   जब तुम मुझसे मिलना ही नहीं चाहते थे तो फिर ये बातों का सिलसिला प्यार-मोहब्बत की बातें क्यों बढ़ाई…….??   क्यूँ झूठे चक्कर में डाला तुम अपना इरादा पहले ही बता देते क्यूँ तुमने मेरा चैन छीना क्यूँ मेरे मन को डुलाया? मैं नादान था जो…

वजन घटाना जरूरी है

वजन घटाना जरूरी है | Motapa par kavita

वजन घटाना जरूरी है ( Vajan ghatane jaruri hai ) ***** डोले शोले नहीं , वजन घटाने पर दें जोर, मधुमेह हृदयरोग व स्ट्रोक का यही है तोड़। ओबेसिटी कांग्रेस में ऐसा जताया गया है, मोटापे को हृदय के लिए खतरा बताया गया है। वजन में कमी लाकर- टाईप-2 मधुमेह की संभावना 42% तक घटा…

दुस्साहस !

दुस्साहस | Kavita dussahas

दुस्साहस ! ( Dussahas ) *** भय से भी भयभीत नहीं हो रहे हैं हम, लाख चेतावनियों के बाद भी- कान में तेल डाल, सो रहे हैं हम। दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा आंकड़ा- दानव रूपी कोरोना का, हम ताली थाली पीट रहे- सहारा ले रहे जादू टोना का ! सरकार जुटी है सरकार बनाने…

लड़की

लड़की | Ladki par kavita

लड़की ( Ladki )   जन्म के समय लड़के और लड़की में फ़र्क नही होता, पर जन्म लेते ही ये समाज बाँट देता है उन्हें , बांट दिए जाते हैं उनके खिलौने, बाँट दी जाती हैं उनकी फरमाइशें, बाँट दिए जाते है उनके सपने , और यहीं से जन्म लेती है लड़की और जन्म लेती…

पत्नी और प्रेमिका

पत्नी और प्रेमिका | Patni aur premika par kavita

पत्नी और प्रेमिका ( Patni aur premika )   पत्नी और प्रेमिका दोनों भिन्न प्राणी है एक को समाज,घर और कानून मान्यता देता है दूसरे को सिर्फ़ प्रेमी मान्यता देता है   पत्नी का बीच राह पर हाथ पकड़ कर चल सकते हो लेकिन प्रेमिका के साथ नहीं किसी के पूछने पर बेझिझक यह तो…

रागिनी

रागिनी | Kavita Ragini

” रागिनी “ ( Ragini ) सुमधुर गुंजार कोकिल चमक चपला सी चलन का।   रुचिर सरसिज सुमनोहर अधर रति सम भान तन का।   गगन घन घहरात जात लजात लखि लट लटकपन का।   मधुप कलियन संग लेत तरंगता खंजन नयन का।   पनग सूर्य अशेष पावत मात दुति मणि दंतनन का।   धरत…

मंजूर के दोहे

मंजूर के दोहे | Manzoor ke dohe

मंजूर के दोहे **** 1. शूल समान तू तेज हो, भेदो हरेक बाधा पहुंचोगे तुम शीर्ष पर, लक्ष्य कठिन नहिं ज्यादा 2. पथिक तू चलते चला जा, लक्ष्य दूर न ज्यादा आशा भाव मन मा लिए, हर लोगे तुम बाधा 3. धरा हमारी उर्वरा, फसलन की नहिं सोच लाओ बीज कंद मूल के, उगालो मिट्टी…

हिंदी राष्ट्र धरोहर है

हिंदी राष्ट्र धरोहर है | Kavita Hindi rashtra dharohar hai

हिंदी राष्ट्र धरोहर है ( Hindi rashtra dharohar hai ) *****   सबकी प्यारी सबकी दुलारी- मनभावन व मनोहर है, हिंदी राष्ट्र धरोहर है। देश को आपस में जोड़ने वाली, हृदय से हृदय को पहुंचने वाली । कानों में मिसिरी घोलने वाली, मीठी सुरीली, है अद्भुत अलबेली ; छात्र/छात्राओं की है सहेली । संपूर्ण धरा…

फ़र्क नहीं पड़ेगा

फ़र्क नहीं पड़ेगा | Poem fark nahi padega

फ़र्क नहीं पड़ेगा ( Fark nahi padega )   बहुत सारी खामियां है मुझमें तो क्या हुआ……? तुमने कभी उन ख़ामियों को क्या मिटाना चाहा कभी….? नहीं ना…….!   तुम चाहते ही नहीं थे कभी कि हम भी उभर पाएं और तुम्हारे साथ खड़े हो सकें तुमने चाहा ही नहीं ऐसा कभी हम तुम्हारे साथ…