बोतल | Kavita Botal
बोतल ( Botal ) ता-ता थैया करती बोतल लाती है बाहर l उसकी ताकधीना-धिन पर नाच रहा संसार l बोतल में है समाया सारे जग का सार l करता है गुलामी बोतल की संसार l बिन बोतल के सूना है संसार बिना बोतल नहीं नहीं है मनुज का उद्धार। बोतल के दम पर आज बच्चा…