मन जीता,जग जीता

मन जीता जग जीता | Man Jeeta

मन जीता,जग जीता ( Man jeeta jag jeeta )    मन की मुराद होत न पूरी अनन्त का है सागर, एक बाद एक की चाहत होता रहता उजागर। चंचल मन चलायमान सदैव चितवत चहुंओर, चाहत ऐसे सुवर्ण सपनें जिसका न है ओर। मन के वश में हो मानव इधर-उधर धावत है, सुख त्याग,क्लेश संजोए, समय…

शायद हम बच्चे हो गए

शायद हम बच्चे हो गए

शायद हम बच्चे हो गए   शायद हम बच्चे हो गए शायद अब हम बच्चे हो गए       क्यूंकि      अब बच्चे बड़े हो गए…. अब न सुबह जल्दी       उठने की हड़बड़ी….. न जल्दी खाना     बनाने की फरमाइशें…. न बजट की खींचातानी    न कल की चिंता…..  न तर्क करता कोई      न…

प्रियवर

प्रियवर

प्रियवर   मेरे तन मन प्रान महान प्रियवर। प्रात:सांध्य विहान सुजान प्रियवर।।   इस असत रत सृष्टि में तुम सत्य हो, नित नवीन अनवरत पर प्राच्य हो, मेरे अंतस में तुम्हारा भान प्रियवर।।प्रात:०   ललित वीणा तार तुमसे है सुझंकृत, ये षोडस श्रृंगार तुमसे है अलंकृत, प्रेयसी का मान स्वाभिमान प्रियवर।।प्रात:०   प्रणयिका बन चरण…

सुनो

सुनो

सुनो   तुम्हें हर बार #सोचना और- सोचते रहना #बदन में एक #सिहरन सी उठती है तुम्हें याद करके एक तो #शीत और- दूसरा तुम्हें #महसूस करना अक्सर #दर्द जगा जाता है…. #तन्हाइयां भी असमय घेर लेती है आकर उठते दर्द को ओर बढ़ा जाती है टूटता #बदन #बेहिसाब #बेसबब #अहसास करा जाता है बस……..

शरद का चाँद

शरद का चाँद

शरद का चाँद ***** शरद का चाँद लिए दिखा आज अंबर, चांदनी में नहाया जग दिख रहा अतिसुंदर। जगमगा रहा जग सारा रौशनी में नहाकर, कभी छत तो कभी आंगन से- निहार रहा हूं नीलांबर। पछुए की छुअन से सिहरन सी हो रही है, देख चांदनी , चकोरी विभोर हो रही है। उमड़ रहा नयनों…

हमारे नबी

हमारे नबी

हमारे नबी *** हमारे नबी सबके प्यारे नबी सबसे न्यारे नबी दो जहां के आंखों के तारे नबी जिनके सदके तुफैल में- खुदा ने रची कायनात बनाए दिन रात चमकाए आफताब व मेहताब हमारे लिए उस नबी ने मांगी दुआएं बुलंद हैं आज भी उनकी सदाएं सर सजदे में रख खुदा से की मिन्नत बख्श…

बारिश की बूंदें

बारिश की बूंदें

बारिश की बूंदें     ऐसी बरसी थीं मुझ पर कल बारिश की बूंदें बरसा था मुझ पर तुम्हारा प्यार जैसे   मिट गईं खलिश मिट गईं दूरियां एहसासों से मेरे कर गई साजिशें ऐसी बरसी थीं मुझ पर कल बारिश की बूंदें   भीगे भीगे से शिकवे भीगी भीगी शिकायत आंसुओं से मेरे कर…

बात

बात

बात ** रात हुई ना बात हुई क्या बात हुई? कुछ खास हुई! नाराज हुई नासाज हुई ऐसी क्यों हालात हुई? बड़ी खुश थी! जब मुलाकात हुई फिर इस खामोशी की वजह क्या हुई? जो वो रूठ गई क्या सचमुच मुझसे कुछ भूल हुई? क्या बात ही कोई चुभ गई? जाने एकदम क्यों वो चुप…

जिंदगी

जिंदगी

जिंदगी ** जिंदगी की समझ, जिंदगी से समझ। जिंदगी से उलझ, जिंदगी से सुलझ। अबुझ है इसकी पहेली, तेरी मेरी ये सहेली। न मिलती यह सस्ती, ऊंची है तेरी हस्ती। कभी किया करो सख्ती, जो चाहो , चलती रहे कश्ती; संभालो कायदे से गृहस्थी। धीरज धैर्य संतोष रखो, अनावश्यक लोभ से दूर रहो। बातें कम,…

क्या कहना

क्या कहना

क्या कहना     सरस सरगम सुधा सी सुंगधित बयार क्या कहना। चलन चपला सी चंचल छन छनन झंकार क्या कहना।।   विकट लट की घटा की छटा न्यारी, कशिश ऐसी अनुचरी प्रकृति है सारी, घूंघट पट अपट अनुपम निष्कपट श्रृंगार क्या कहना।।   कमल दल विकल लखि अधरन की आभा, रंक जग है तुम्हारा…