प्यार करता हूँ

प्यार करता हूँ | Pyar Kavita

 प्यार करता हूँ  ( Pyar karta hun )   बहार क्या होती है फूल क्यूँ खिलते हैं भँवरे क्यों गाते हैं खुशबू क्यों बिखरती है सूरज क्यों निकलता है चाँद रात भर आकाश में, क्यूँ चक्कर लगाता है बारिश क्यों होती है दिन क्यूँ होता है रात क्यूँ ढलती है। हवा क्यों बहती है पँछी…

इन्द्र का दर्प

इन्द्र का दर्प | Kavita

इन्द्र का दर्प ( Indra ka darp )   इन्द्र… हाँ ! इन्द्र, आज फिर क्रूध हो चुका है ! डुबोना चाहता है सारी धरती ! क्योंकि इन्होंने चुनौती दी है, उसके ऐश्वर्य एवं सत्ता को ! डूबने को हैं मजदूर, किसान एवं नौजवान । दर्द एवं दहशत इतना कि आवाज भी नहीँ दे पा…

कोरोना का रोना है ,हाँ हाँ कार मची है दुनियां मे

कोरोना का रोना | Corona ke upar kavita

कोरोना का रोना ( Corona ka rona ) –> कोरोना का रोना है , हाँ हाँ कार मची है दुनियां मे || 1.कोरोना वायरस फैल रहा,जाने कैसी बीमारी है | रोका नहीं गया इसको तो,आगे चल के महामारी है | इसके बारे मे कुछ पता नहीं,अभी ये बन्द अलमारी है | हमको ही मिलकर लडना…

हम भी हैं इसी मुल्क के

हम भी हैं इसी मुल्क के | Poem on communalism in Hindi

हम भी हैं इसी मुल्क के ( Ham bhi hain isi mulk ke )     हम भी हैं इसी मुल्क के,  गद्दार नहीं है । मजहब ये मुसलमान सितमगर नहीं है ।   अपने लहू का कतरा भी कुर्बान करें हम कहते हो हमको हम वफादार नहीं हैं   हम भी हैं इसी मुल्क…

हिम्मत रख मुश्किलों का सामना करते जाओ

हिम्मत रख मुश्किलों का सामना करते जाओ

हिम्मत रख मुश्किलों का सामना करते जाओ   हिम्मत और हौसले के दम से कुछ भी मुमkकिन हो जाता है  जरूरत बस हिम्मत के साथ दो कदम बढ़ाने की होती है ।  मिलेगी असफलता राहों में, लेकिन डंटकर बने रहना है थोड़ा सा धैर्य रखते हुए, बस आगे कदम बढ़ाते जाना है। ये मुमकिन है…

योग शक्ती

योग शक्ती | Yoga kavita

 योग शक्ती  ( Yoga shakti )   –>योग रोग की,बिना नोट की, स्वस्थ शरीर की दबा अचूक || ==>>हिन्दुस्तान की देन दबा ये,राम-वाण सी चले अचूक ||   1. योग करो दुख दूर करो,बीमारियों को चूर करो | पेट रोग और मोटापे को,योगा से ही दूर करो | रक्त चाप,दिल का दौरा भी,योगा से कंट्रोल…

हमारे कश्मीर की धरती ,रानी भारत देश की

हमारा कश्मीर | Kashmir kavita

 हमारा कश्मीर  ( Hamara kasmir )   –> हमारे कश्मीर की धरती , रानी भारत देश की || 1.वो कश्मीर की यादें, वो सुनहरी वादियाँ | हो रही हों जैसे, बर्फीले पर्वतों की शादियाँ | वो ऊँचे लंबे सीधे-साधे , ब्रक्ष हरे देवदार है | बर्फ से लदे पत्ते, मानो कश्मीर मे त्योहार है |…

 कहाँ गए बचपन के,सुनहरे प्यारे "वो" दिन ||

वो बचपन के दिन | Bachpan par kavita

°°° वो बचपन के दिन °°° ( Wo bachpan ke din )   कहाँ गए बचपन के, सुनहरे प्यारे “वो” दिन || 1. कुछ पल ही सही,पर हम भी कभी,साहूकारों मे आते थे | जब -तब हमनें बाजी मारी,तब नगर सेठ कहलाते थे | कुछ पल के लिए ,कुछ क्षण के लिए,दरबार हमारा लगता था…

फैला दें विश्व मे मानवता का अमर प्रेम एवं विश्व शान्ति के नारों को

साम्प्रदायिकता | Sampradayikta kavita

 साम्प्रदायिकता  ( Sampradayikta : Hindi Poem)   है, अंधी विषकन्या इसकी आँधी जब जहां चली, छोड़ती गई विनाश, गहरे दाग, मरघट सा सन्नाटा  !! सम्प्रदायिकता की खेती की जाती है !! मंदिर , मस्जिद, गिरिजाघर एवं गुरुद्वारों में, इसके लिए आवश्यकता होती है.. झूठे नारों एवं अफवाहों की !! तभी तो इनका प्रयोग किया जाता…

ऑटोग्राफ प्लीज

ऑटोग्राफ प्लीज | Autograph please kavita

 ऑटोग्राफ प्लीज  ( Autograph please )    सुन मुन्ना सुन पप्पू सुन सुन,सुन सुन मेरे मनीष | ऑटोग्राफ प्लीज , ऑटोग्राफ प्लीज || सुन सूरज सुन चन्दा सुन सुन,सुन सुन मेरे गिरीश | ऑटोग्राफ प्लीज , ऑटोग्राफ प्लीज || 1. तुम भारत के नव भविष्य हो, तुम्हीं हो कल के नेता | जो अपने बस…