जमीर

जमीर | Jameer kavita

जमीर ( Jameer )   गिरा जो अपना 1रुपया तो पश्चाताप बार-बार करते हो, दूसरों का ले हजारों किए हो जो गमन, जरा सोचो उस पर क्या बीती होगी? स्वार्थ का पर्दा लगाए हो जो जमीर में मेरा सच का आइना लो देखो तो जरा, ईमान खुद बोल देगा जमीर बचाओ यारों, किसी का तुम…

शाबाश कतर !

शाबाश कतर | Qatar par kavita

शाबाश कतर ! ( Shabaash Qatar ) बड़े प्रभावी ढंग से कतर ने- कोविड-19 का मुकाबला किया है, एक जबरदस्त कामयाबी हासिल किया है। त्वरित पहचान व रोकथाम शुरू किया, प्रभावित समूहों को शीघ्र अलग किया; इसी ने उसे बेहतर रिजल्ट दिया । वहां 29 फरवरी को पहला मामला आया, लगभग 667936 लोगों को जांचा…

अनकही बातें!

अनकही बातें | Ankahi baatein poetry

अनकही बातें ( Ankahi baatein ) ***** कुछ न कहते हुए भी बहुत कुछ कह जातीं हैं अनकही बातें! सोच सोचकर हम लेते हैं गहरी गहरी सांसें! कुछ तो बात होगी? क्या बात होगी? इस संवादहीनता की! जरूर खास होगी? जो उसने नहीं बताई, हमसे नहीं जताई! बिन कहे छोड़ गई? मुझे रूला गई। इस…

मां भारती की पुकार

मां भारती की पुकार | Man bharati ki pukar

मां भारती की पुकार ( Man bharati ki pukar ) मां भारती के अब लाल उठो, तुम पर ही हैं सारा भार उठो, मांग मेरी अब सुनी होने को है, मां भारती है अब बोल उठी, मां भारती की हर सपूत उठो, अपने -अपने हिस्से का ले सहयोग उठो चीनी सामग्री का, कर बहिष्कार उठो,…

अन्नदाता का धरा पर मान होना चाहिए

अन्नदाता का धरा पर मान होना चाहिए | Annadata par kavita

अन्नदाता का धरा पर मान होना चाहिए ( Annadata ka dhara par maan hona chahiye ) ******** अन्नदाता का धरा पर मान होना चाहिए, उनके हित में भी कभी कुछ काम होना चाहिए। विषम परिस्थितियों में कठिन श्रम कर अन्न उगाते हैं, स्वयं भूखे रहकर भी देश को खिलाते हैं। खाद पानी बीज के लिए…

दर्द की व्यथा

Ghazal | दर्द की व्यथा

दर्द की व्यथा   दर्द इस कदर,  बेहाल था, थी उम्मीद सहारा दोस्त हैं, कुछ मायूस कर चले, कुछ को थी खबर , उंगलियां फोन तक न चले, कुछ तो थे साथ मरहम ले चले कभी जिनका  थे सहारा, आज वही बेसहारा कर चले, दर्द इस कदर  बेहाल था कुछ अपने परिजन घरों में चला,…

शाबाश अनन्या

शाबाश अनन्या | Anannya par kavita

शाबाश अनन्या ( Shabash Anannya ) ***** तुने हिम्मत दिखाई, खुद के लिए ‘राजधानी’ चलवाई। रेल प्रशासन को झुकाई, गया गोमो होते हुए ट्रेन रांची ले आई। तुम बहादुर हो, प्रेरणा हो; शेरनी हो । अकेली हो इतनी हिम्मत दिखाई! वरना 930 यात्रियों ने तो डाल्टेनगंज में ही ट्रेन ही छोड़ दी, आवाज उठाने की…

मुश्किल हो गया

मुश्किल हो गया | Poem mushkil ho gaya

मुश्किल हो गया ( Mushkil ho gaya )   जब तुम मुझसे मिलना ही नहीं चाहते थे तो फिर ये बातों का सिलसिला प्यार-मोहब्बत की बातें क्यों बढ़ाई…….??   क्यूँ झूठे चक्कर में डाला तुम अपना इरादा पहले ही बता देते क्यूँ तुमने मेरा चैन छीना क्यूँ मेरे मन को डुलाया? मैं नादान था जो…

वजन घटाना जरूरी है

वजन घटाना जरूरी है | Motapa par kavita

वजन घटाना जरूरी है ( Vajan ghatane jaruri hai ) ***** डोले शोले नहीं , वजन घटाने पर दें जोर, मधुमेह हृदयरोग व स्ट्रोक का यही है तोड़। ओबेसिटी कांग्रेस में ऐसा जताया गया है, मोटापे को हृदय के लिए खतरा बताया गया है। वजन में कमी लाकर- टाईप-2 मधुमेह की संभावना 42% तक घटा…

दुस्साहस !

दुस्साहस | Kavita dussahas

दुस्साहस ! ( Dussahas ) *** भय से भी भयभीत नहीं हो रहे हैं हम, लाख चेतावनियों के बाद भी- कान में तेल डाल, सो रहे हैं हम। दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा आंकड़ा- दानव रूपी कोरोना का, हम ताली थाली पीट रहे- सहारा ले रहे जादू टोना का ! सरकार जुटी है सरकार बनाने…