आओ माँ

आओ माँ | Aao maa kavita

 ” आओ माँ ”  ( Aao Maa )   –> आओ मेरी जगत्-जननी माँ…….|| 1.आओ मेरी जगदानन्दी, मेरे घर आंगन में | स्वागत है अभिनन्दन है, मेरे घर आंगन में | नौ दिन नौ रुप में आना, मेरे घर आंगन में | ममता की नजरें फैलाना, मेरे घर आंगन में | –> आओ मेरी जगत्-जननी…

आओ मेरे गणराजा

️️आओ गणेश जी️ | Aao Ganesh Ji

️ आओ गणेश जी  ( Aao Ganesh Ji )   –>आओ मेरे गणराजा………..|| 1.आओ मेरे महराज गजानन, स्वागत है अभिनन्दन है | ऋद्धि-सिद्धि को साथ मे लाना, उनका भी सत-बन्दन है | सालों से तुम अपने भक्तों के, दूर दुखों को करते हो | निर्बल और पीडित भक्तों की, पीडा को तुम हरते हो |…

रंग समेटे हुए रंगीन नजारे, कितने सुंदर हैं

रंग | Hindi poem rang

 “रंग”  ( Rang ) –>रंग समेटे हुए रंगीन नजारे, कितने सुंदर हैं || 1.रंगों से भरी रंगीन दुनियां, अत्यंत ही सुंदर है | जीवन मे सारे रंग भरे, लबालब भरा समंदर है | इन्द्रधनुष जो बिना रंग के, होता तो कैसा होता | ना होती रंगीन धरा तो, सोचो क्या जीवन होता | –>रंग समेटे…

नशा

नशा | Nasha kavita

“नशा”  ( Nasha ) –>हर काम का अपना “नशा”है | 1.हर पल नशे में है दुनियां, कोई तो मिले जो होश मे हो | नशे में डूबे हैं सून्य दिल, कोई तो मिले जो जोश में हो | कोई दौलत के नशे में चूर, डूबा फिरता है राहों मे | कोई इश्क के नशे मे…

दीबार

दीबार | Deewar kavita

 “दीबार”  ( Deewar )   –>मत बनने दो रिस्तों में “दीबार” || 1.अगर खडी हो घर-आंगन, एक ओट समझ मे आती है | छोटी और बड़ी मिलकर एक, सुंदर आवास बानाती है | मत खडी होने दो रिस्तों मे, टकरार पैदा कारती है | हंसते गाते हमारे अपनों मे, दरार पैदा करती है | –>मत…

कनक

कनक | Kanak Hindi kavita

“कनक” ( Kanak  )   ✨ –>कनक कनक पर कौन सा….. ✨ 1.एक कनक मे मादकता, एक मे होए अमीरी | एक कनक मे मद चढे, एक मे जाए गरीबी | नाम कनक के एक हैं, अर्थ द्वि-भाषी होता | एक कनक धतूरा होता, दूजा सोना होता | ✨ –>कनक कनक पर कौन सा….. ✨…

फूल

फूल | Phool kavita

 फूल ( Phool kavita )   –> ये फूलों का संसार, ये फूलों का संसार || 1.फूलों का संसार बेहद रंगीन, सुंदर सुगंधित रहता है | फूलों के साथ जीना सीखो, हर फूल कुछ तो कहता है | लाल-गुलाबी-सफेद-जामुनी, कुछ सतरंगी होते हैं | कुछ तो होते बड़े सुनहरे, कुछ छोटे-छोटे होते हैं | –>…

चन्दन

चन्दन | Chandan kavita

 “चन्दन” ( Chandan : Kavita ) –>”चन्दन तुम बन जाओ”……|| 1.कहने को लकडी है, ठंडक समेटे है | भीनी सी खुशबू है, विष-धर लपेटे है | घिंस के जब पत्थर पर, माथे में लगता है | ऊंगली महकाती है, चन्दन वो लकडी है | –>”चन्दन तुम बन जाओ”……|| 2.चन्दन की राहों में, उलझन हजारों हैं…

आईना

आईना | Aaina kavita

“आईना” ( Aaina : kavita ) –> सच्चाई का प्रतीक है “आईना” || 1.सब कहते हैं सच्चा-झूँठा, किस पर यकीन करें | देख कर चेहरा बातें करते, किस पर यकीन करें | किसके दिल मे क्या रहता, कुछ पता नहीं चलता है | एक आईना झूँठा न बोले, जो सच है सो कहता है |…

हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है

हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है | Urdu ghazal by Nepali poet

 हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है  ( Hum par koi naqab thodi hai )   ❄️ आइना खुदको क्या समझता है नक़ाब वाला चेहरा दिखाता है तो दिखाने दो हम पर कोई नक़ाब थोड़ी है ❄️ ये जुगनू घेर लेता है पूरी आसमान को चाँद अकेला है पर किसी से कम थोड़ी है ❄️ रोकर…