श्री राम जन्मोत्सव | Kavita Shri Ram Janmotsav

श्री राम जन्मोत्सव | Kavita Shri Ram Janmotsav

श्री राम जन्मोत्सव ( Shri Ram Janmotsav )   सज गई अयोध्या हर्षित है जग सारा, चहुं ओर फैला राम नाम का उजियारा। जिधर देखो उधर आज श्री राम जी का नाम है, नाम सुमिरन से सब ताप हरे ऐसे उनके काम हैं। श्री राम मंदिर में होने वाली राम जन्मोत्सव की प्रतिष्ठा, पूर्ण हुई…

Kavita Choti Chijen

छोटी चीजें | Kavita Choti Chijen

छोटी चीजें ( Choti Chijen )   छोटी चीज़ों पर नजर रखना बहुत बड़ा काम है छोटी चीज़ें ही जनम देती है विराट चीज़ों को पैदा होता है बरगद का पेड़ छोटे से बीज से देख लेती है छोटी-सी आँखे बड़ी दुनिया को शुरु होती है मीलों का सफर छोटे से कदम से फूटते हैं…

Kavita Tum Tum Hi Ho

तुम तुम हि हो | Kavita Tum Tum Hi Ho

तुम तुम हि हो ( Tum Tum Hi Ho )   कौन कहाँ है, कितनी दूर है पहुुंचेगा कब यह आपका नही उसका विषय है आप कहाँ हो कितनी दूर हो और पहुँचना कैसे है यह तुम्हे स्वयं सोचना है, क्योंकि मंजिल तुम्हारी है जीतना या पराजित होना तुम्हे है और की देखा देखी मे…

बंजारा के दस कविताएं

बंजारा की नौ नवेली कविताएँ

गली (एक) ————- एक जुलाहे ने बुनी थी दूसरी यह — ईट-गारे और घर-आंगन से बनी है . यह भी मैली है नुक्कड़ तक फैली है फटी है और सड़कों से कटी है . इसमें भी रंगों-से रिश्ते हैं और धागों-से अभागे लोग — जो जार जार रोते हैं ओढ़कर तार तार इसी चादर में…

Kavita Khwahishen

ख्वाहिशें | Kavita Khwahishen

ख्वाहिशें ( Khwahishen ) ख्वाहिशों को जरूरत न बनाइये अपनी बन भी जाए अगर, तो उसे कभी अपनी लत न होने दीजिये, हो भि जाए लत यदि तो उसे न बनाइये कभी मजबूरी अपनी मजबूरी भी बना देती है मजबूर इतना कि हाथ सेंकने को घर अपना हि जला देती है ऐसे हालात में भुला…

परीक्षा का डर कैसा | Kavita Pariksha ka Dar

परीक्षा का डर कैसा | Kavita Pariksha ka Dar

परीक्षा का डर कैसा   लो परीक्षाएं आ गई सर पर अब कर लो तैयारी। देने हैं पेपर हमको प्रश्नों की झड़ियां बरसे भारी। घबराहट कैसी संकोच छोड़े परीक्षा से डर कैसा। पढ़ाई हमने भी की माहौल ना देखा कभी ऐसा। विनय भाव धारण कर नियमित पढ़ते जाएं। विषय बिंदु पर ध्यान केंद्रित आगे बढ़ते…

Kavita Koi Nek

कोई नेक | Kavita Koi Nek

कोई नेक ( Koi Nek )   कमी निकाले जो काम मे, करे सुधार की बात समझिये बना रहा वह आपको, देगा भी वही साथ मिलते सलाहकार बहुत, पर दिखाते नही राह थामिये तुम हाथ उसका, जिसमे है तुम्हारी चाह बगुलों की इस भीड़ में, दुर्लभ हंस का मिलना है होगा किससे कल उज्ज्वल, यही…

Kavita Jaago Janta Jaago

जागो जनता जागो | Kavita Jaago Janta Jaago

जागो जनता जागो! ( Jaago janta jaago)    घंटों इंतजार क्यों करते हैं? सर्दी गर्मी बारिश सहते हैं पलकें बिछाए रहते हैं आप जनता मालिक हैं। लूटने वाले का जयकारा लुटने वाले ही लगाते हैं यह ठीक नहीं। दुर्भाग्य वतन का औ सौभाग्य राजवंशों का? लोकतंत्र हो आया, पर हकीकत बदल न पाया। अशिक्षा गरीबी…

निर्माणकर्ता अक्सर

निर्माणकर्ता अक्सर

निर्माणकर्ता अक्सर   अक्सर निर्माणकर्ता , हांसिए पर छूट जाता है, लंका पर पुल बनाने वाले, नल नील आज भी, बंदर कहलाते हैं। आतताई रावण से, लोहा लेने वाला जटायु, आज भी गिद्ध कहलाता है अपने प्रतिभा के द्वारा, लंका को तहस-नहस करने वाले आज भी वानर कहकर अपमानित किए जाते हैं । अक्सर इतिहास,…

सांप तुम सभ्य कब हुए

सांप तुम सभ्य कब हुए

सांप तुम सभ्य कब हुए   सांप तुम सभ्य कब हुए तुम विश्वास दिलाते हो मेरी विष थैली में अब भरा हुआ है अमृत दंश करना छोड़ दिया है मैंने लोग गाते हैं जीवन-गीत सांप तुम पर भला कभी भरोसा किया जा सकता है बेफिक्र जीया जा सकता है नहीं बिल्कुल नहीं हंसुआ टेंढ़ का…