एक ही रास्ता

एक ही रास्ता

“मम्मी जी, मैं बहुत दिनों से आपसे मन की बात कहना चाह रही थी।” पिंकी बोली। “क्या बात है बेटा? बताओ मुझे। मुझसे बताने को भी इतना सोचना पड़ रहा है।” पिंकी की मम्मी बोली। “मम्मी जी, आप पापा से कहो कि वह मेरे लिए इधर-उधर लड़का ना ढूंढे। मुझे एक लड़का पसंद है।” “कौन…

अति

अति

6 माह पुरानी बात है। रोज की तरह जैसे ही मैं स्कूल पहुँचा तो मुझे पता चला कि आज राजू के दोनों बच्चे स्कूल नहीं आये हैं। कारण पूछने पर पता चला कि बच्चों के पिता राजू ने पंखे पर फांसी का फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की है। उक्त घटना को सुनकर मुझे…

Vinod Kashyap Sharma poetry

विनोद कश्यप शर्मा की ग़ज़लें | Vinod Kashyap Sharma Poetry

खुशियों की बरसात ‌मौसम का रंग है खुशियों का मायनाउत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिमचारों तरफ़ दिखता है उल्लास भरा उत्सवकहीं कहीं लाल गुलाल, कहीं हरा कहीं पीलाबहार ही बहार।यह पर्व है बहारों का रंग एक प्यार ही प्यार।हरियाली की हर बरकतपेड़- पौधे बिखेर देते हैंखुशियों के सुहाने रंग।होली देती है प्यार का संदेशगंगा जल…

समझदारी

समझदारी

2005 की बात है। रामपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय में मुकुल गुरु जी की पोस्टिंग हेड मास्टर के पद पर हुई। मुकुल बच्चों के प्रति बहुत संवेदनशील थे और बच्चों से विशेष लगाव व स्नेह रखते थे। मुकुल जी का व्यवहार बच्चों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण, समझदार और प्रेरक था। वे बच्चों की जरूरतों और समस्याओं…

निशाना

निशाना

तीव्र बुद्धि की सानिया एक गरीब लड़की थी। वह कक्षा 5 में पढ़ती थी। उसको जो भी सिखाओ या पढ़ाओ वह तुरंत सीख जाती थी और याद कर लेती थी। उसकी मैडम संध्या उसको बहुत प्यार करती थी। सानिया के पिता मजदूरी करते थे। पिछले 6 माह से सानिया विद्यालय बेहद कम आने लगी थी…

डॉ. आलोक रंजन कुमार

डॉ. आलोक रंजन कुमार की कविताएँ | Dr. Alok Ranjan Kumar Poetry

जय माता शारदे ऐसा करो, माॅ॑ शारदे।ज्ञानी बनें , उपहार दे।करता सदा, यह प्रार्थना।माता सुनें, नित याचना। देवी सुनें , भव तारणी।संकट सभी, दुख हारिणी।करते रहें , हम साधना।पूरी करें, मनोकामना। जीवन रहे , सबका सुखी।दिखे नहीं , कोई दु:खी।ममतामयी , हम मानते।समदृष्टि रखें, सब जानते। उपकार माॅ॑ , सब पर करें।भंडार सुख, घर घर…

भूरिया तू क्यो बदल गया

भूरिया तू क्यो बदल गया

भूरिया से मुलाकात करीब दस महीनों पहले हुई थी.. कोरोना ने दस्तक दे दी और दुनिया रुक गयी.. थम गई.. कुछ दिन तो मैं घर मे ही रहा मगर फिर मैंने सांझ होते ही पैदल घूमना शुरू किया.. पैदल.. नंगे पाँव। हर रोज छह किलोमीटर.. एक तय जगह तक रोज जाना और फिर घर लौट…

Women Empowerment Seminar

राष्ट्रीय बालिका दिवस एवं महिला सशक्तिकरण संगोष्ठी

24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के शुभ अवसर पर जिलाधिकारी डॉक्टर मोनिका को मुख्य अतिथि के तौर पर “बालिका शिक्षा एवं महिला सशक्तिकरण संगोष्ठी” कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया। यह कार्यक्रम जिले के उच्च प्रतिष्ठित पदों पर तैनात महिलाओं द्वारा सामूहिक रूप से कराया जा रहा था। इस कार्यक्रम में प्रत्येक विभाग की दो-दो…

अय्याशी

अय्याशी

अपने छोटे से कमरे के कोने में रखे लकड़ी के टेबल के ऊपर अभी हाल में मिले हुए द्वितीय विजेता सर्टिफिकेट और मोमेंटो देख कर राधिका देवी दीवान में लेटी लेटी मुस्कुराने लगी । आवाज कानों में गुंजने लगे जब माइक से मंच पर विजेता का नाम में राधिका देवी पुकारा गया था । फिर…

सकूँ

सकूँ

विभु एक 15 वर्षीय लड़का था, जो अपने परिवार के साथ एक छोटे से शहर में रहता था। वह एक अच्छा लड़का था, जो हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता था। एक दिन, विभु ने अपने पिता से कहा कि वह नदी के किनारे घूमने जाना चाहता है। उसके पिता ने उसे…