Kavita Maa ki Yaadein

मां की पुण्यतिथि | Kahani Maa ki Punyatithi

एक विद्यालय में महिला अभिभावक अपने बच्चों के एडमिशन के लिए आई वह प्रधानाचार्य जी से कहे जा रहे थी -“देखिए यह सामने दरवाजा लगा दीजिएगा । वह बाहर साइड में बच्चा ना जाने पाए । मैडम जी! यह बच्चा हमें बहुत समय बाद पैदा हुआ है । इसे मैं गली में भी नहीं खेलने…

भूत एक वहम | Kahani Bhoot ek Waham

भूत एक वहम | Kahani Bhoot ek Waham

वर्तमान समय में देखा जाए तो भूत प्रेत की मान्यता से लगभग सारा संसार जकड़ा हुआ है। किंतु भूत प्रेत आदि क्या है? कैसे हैं ? या नहीं हैं? इस विषय में कोई प्रामाणिक एवं वैज्ञानिक तथ्य तक नहीं पहुंच पाया है। इसीलिए समाज में तरह-तरह के भूत- प्रेत के नाम पर नौटंकीया चलती रहती…

Laghu Katha Dard

दर्द ढोते हैं हम | Laghu Katha Dard

घर की स्थिति ठीक नहीं थी तो रमेश का कौन नहीं मजाक उड़ाता था कि पढ़ – लिखकर आखिर क्या करेगा, वह। रमेश फिर भी उनकी बातों पर ध्यान दिए बिना आगे बढ़ने के लिए प्रयास करते रहा। ऐसे ही दिन में अपने-पराए पहचाने जाते हैं। उसकी नौकरी लगी और जब वह घर आता तो…

Kahani Kya Khoya Kya Paya

क्या खोया? क्या पाया? | Kahani Kya Khoya Kya Paya

घर में चारों ओर जाले लगे हुए हैं। कूड़ा कटकर भी जहां देखो पड़ा हुआ है । अबकी होली में घर में पुताई नहीं हुए हैं तो कोई बात नहीं लेकिन जाला भी नहीं साफ हो सकता है। बेटों की शादी करके बहू लाने से क्या फायदा जब बहुएं घर के साफ सफाई नहीं कर…

Mahavir Swami par Kavita

महावीर जयंती | Kavita Mahavir Jayanti

महावीर जयंती ( Mahavir Jayanti )   जीओ जीने दो परम पावन प्रवचन पीओ पीने दो परम पावन प्रवचन जीओ जीवन पीओ ग़म हरदम प्यारे अहि़सा परमो धर्म परम पावन प्रवचन महावीर का महान संदेश दिया सर्वोत्तम मनन मंथन करें परम पावन प्रवचन सुक्ष्म जीव अनंत आत्मा का बासा तीन ताप विनाशे परम पावन प्रवचन…

Kahani Achuto ka Bhagwan

अछूतो का भगवान | Kahani Achuto ka Bhagwan

चारों तरफ मैले कुचैले कपड़े पहने बच्चे दिखाई दे रहे थे । बदबू ऐसी आ रही है कि एक-दो मिनट बैठना मुश्किल है । कैसे रहते होंगे ये लोग ? क्या लोगों की जिंदगी ऐसे भी हो सकती है ?जहां जानवर भी ना रहना चाहे वहां मनुष्य रह रहे हैं। सुरेश को आज नींद नहीं…

नदी पार के लोग | Laghu Katha Nadi Paar ke Log

नदी पार के लोग | Laghu Katha Nadi Paar ke Log

नदी रामपुर और कैथा गाँव के बीच से होती हुई बहती है। बरसात में जब वह उफनती है तो दोनों गाँव के खेतों को एक समान डूबोती – धोती हुई बहती है। दोनों गाँव वाले दुख नहीं मानते कि नदी को ऐसा नहीं करनी चाहिए बल्कि वे खुश होते हैं कि हमें भी नदी की…

Kahani Roshni

रोशनी | Kahani Roshni

मनुष्य को गरीबी क्या ना कराएं । रोशनी के पिता इतने गरीब थे कि दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो सके इसलिए उसे एवं उसकी बहन को अनाथालय छोड़ दिया। इसी बीच उसकी छोटी बहन इतनी बीमार हुई कि उसके पिता छोटी बहन को उठा ले गए लेकिन वह वहीं रह गई। एक-एक दिन…

Ghazal Aankhon se

आंखों से करती जादू है | Ghazal Aankhon se

आंखों से करती जादू है आंखों से करती जादू है दिल होता यूं बेकाबू है सांसें महके तुझमें हर पल उड़ती जो तेरी ख़ुशबू है देख रहा है दूर खड़ा वो आ के बैठा कब पहलू है कब फ़ूल दिया है उल्फ़त का मारा नफ़रत का चाकू है बात न की आज़म यूं तुझसे कड़वी…

Katha Laut Aao na Papa

लौट आओ ना पापा | Katha Laut Aao na Papa

नेहा का कोई संसार में अपना सा लगता था तो वह थे – उसके पापा! उसके पापा भी उसे बहुत चाहते थे। जब उन्हें कोई जरूरत होती तो नेहा को ही बुलाया करते थे। वैसे नेहा की दो और बहने हैं एक बड़ी जिसकी शादी हो चुकी है उसके 1 वर्ष का है छोटा सा…