घर की इज़्ज़त

घर की इज़्ज़त | Ghazal Ghar ki Izzat

घर की इज़्ज़त ( Ghar ki Izzat )   यह हुनर दिल में ढाल कर रखना घर की इज़्ज़त सँभाल कर रखना हर तरफ़ हैं तमाशबीन यहाँ कोई परदा भी डाल कर रखना मैं भी दिल में तुम्हारे रहता हूँ अपने दिल को सँभाल कर रखना हर ग़ज़ल अंजुमन में छा जाये दर्द दिल का…

सियासत में आ गये

सियासत में आ गये | Ghazal Siyasat Mein Aa Gaye

सियासत में आ गये ( Siyasat Mein Aa Gaye )   सारे अज़ीज़ उनकी हिमायत में आ गये मजबूर होके हम भी सियासत में आ गये हाँलाकि ख़ौफ़ सबको सितमगर का था बहुत कुछ लोग फिर भी मेरी वकालत में आ गये इतने हसीन जाल बिछाये थे आपने हम ख़ुद शिकार होके हिरासत में आ…

Aisi Koi Sarkar

ऐसी कोई सरकार आ जाये | Aisi Koi Sarkar

ऐसी कोई सरकार आ जाये हमारे मुल्क में ऐसी कोई सरकार आ जाये सभी के हाथ में अच्छा सा कारोबार आ जाये खुली सड़को पे पीते हैं शराबी बोतलें लेकर इलाक़े का भला ऐसे में थानेदार आ जाये वबा की मार से हर रोज़ ही इंसान मरते हैं करोना की दवा इस बार तो दमदार…

झूठी बातों को फिर हवा देंगें

झूठी बातों को फिर हवा देंगें

झूठी बातों को फिर हवा देंगें   मौत को मेरी सब दुआ देंगें । झूठी बातों को फिर हवा देंंगें ।। बाद तेरे करूँ गिला मैं क्यूँ । प्यार दिल में तिरा दिखा देंगें ।। जो न खोजे कसूर है किसका । वे ही निर्दोष को सजा देंगें ।। तुम ही कर लो वफ़ा जरा…

Hai Teri Rahmat Gazab

है तेरी रहमत ग़ज़ब | Hai Teri Rahmat Gazab

है तेरी रहमत ग़ज़ब ( Hai teri rahmat gazab )   है गज़ब की शान तेरी है तेरी रहमत गज़ब मेंरे मौला तेरी अज़मत है तेरी ताकत ग़जब। है अजब ये बात की मैं उफ़ भी कर दूं तो क़हर और उससे क़त्ल होकर भी मिले राहत ग़जब। दे रहा था हक़ मेरा मुझको मगर…

Gazal Pinjre ka Panchhi

पिंजरे का पंछी | Gazal Pinjre ka Panchhi

पिंजरे का पंछी ( Pinjre ka panchhi )   हुस्न के ज़ेवर यूँ मत खोल कर दे मेरी दुनिया गोल पहले बाल-ओ- पर को तोल फिर पिंजरे का पंछी खोल फिर देगी गुफ़्तार मज़ा कुछ तो इस में शीरीं घोल मौसम करता सरगोशी क्या है इरादा कुछ तो बोल फिर होगी मदहोश ग़ज़ल जाम उठा…

Mujhe Apna Bana Lo

मुझे अपना बना लो | Mujhe Apna Bana Lo

मुझे अपना बना लो ( Mujhe Apna Bana Lo )   मुझे अपना बना लो सनम दिल में बसा लो //1 नहीं रक्खो ख़फ़ा दिल गले से तुम लगा लो //2 हसद दिल से मिटेगा मुहब्बत की दवा लो //3 सनम रिश्ता न तोड़ो मुहब्बत से निभा लो //4 बचोगे नफ़रतों से मुहब्बत की दुआ…

जिक्र होता रहा सियासत का

जिक्र होता रहा सियासत का

जिक्र होता रहा सियासत का   जिक्र होता रहा सियासत का औ दिखावा किया हिफ़ाजत का दिल मे पाले रहे सदा नफरत और बहाना किया सदाकत का जुल्म पर जुल्म की बरसात हुई ढोंग चलता रहा सलामत का पास तो बैठे थे वो पहलू में जज्बा पाले हुए अदावत का मेरे ही संग उनकी साँसे…

फूल तितली सनम हुए बे-रंग

फूल तितली सनम हुए बे-रंग

फूल तितली सनम हुए बे-रंग क़ाफ़िया – ए स्वर की ‌बंदिश रदीफ़ – बे-रंग वज़्न – 2122 1212 22 फूल तितली सनम हुए बे-रंग इंद्रधनुषी छटा दिखे बे-रंग तेरी खुशबू जो ज़िंदगी से गई रात-दिन मेरे हो गए बे-रंग ये मुहब्बत सज़ा बनी है आज दौर-ए-हिज़्राँ लगे मुझे बे-रंग याद जब तेरी आती है मुझको…

मर जायेगा

मर जायेगा | Ghazal Mar Jayega

मर जायेगा ( Mar Jayega )   तू जो छोड़ेगा तो बेमौत ही मर जायेगा शाख से टूट के पत्ता ये किधर जायेगा। उसके वादे का क्या है वो तो करेगा लेकिन ऐन वो वक्त पे वादे से मुकर जायेगा। इन दिनों ही है खुली उसकी हकीक़त मुझ पे लग रहा अब वो मेरे दिल…